________________ 515 / भ्वादयः] सिद्धहैमबृहत्पक्रिया. चकके / कुकि वृकि आदाने // 36 // कोकते / वर्कते / इन्ध्यसंयोगादिति कित्वे / चुकुके / वट्टके / चकि तृप्तिप्रतिघातयोः // 36 // चकते। चेके / ककुङ् श्वकुङ् कुङ् अकुङ् श्लकुङ् ढौकङ् नौकङ् ष्वष्कि रस्कि मस्कि तिकि टिकि टीकङ् सेकङ् कङ् रघुङ् लघुङ् गतौ // 53 // कङ्कते / डुढौके / तुत्रौके / वष्कते / रवते / लङ्घते / लघुङ् भोजननिवृत्तावपि / अघुङ् वघुङ् गत्याक्षेपे॥५५॥ आक्षेपों वेग आरम्भ उपालम्भो वा। मघुङ् कैतवे च // 56 // चाद् गत्याक्षेपे। राघृङ् लाघृङ् सामर्थ्ये / / 57 // द्राघृङ् आयासे च ॥५८आयास इत्यन्ये / श्लाघृङ् कत्थने // 9 // / / इति कवर्गीयान्ताः॥ लोचूङ् दर्शने // 60 // लोचते। लुलोचे / पचि सेचने // 61|| सचते / शचि व्यक्तायां वाचि // 62 // कचि बन्धने // 63 // कचुङ् दीप्तौ च॥६४॥ श्वचि श्वचुङ गतौ / // 66 // वचिं दीप्तौ // 67 // मचि मुचुङ कल्कने / / 69 // मचुङ् धारणोच्छ्रायपूजनेषु // 70 // पचुङ् व्यक्तीकरणे // 71 // ष्टुचिं प्रसादे // 72 / / स्तोचते / तुष्टुचे / एजुङ् भ्रेजुङ् भ्राजि दीप्तौ / / 7 / / एजाश्चक्रे / विभेजे / बभ्राजे / इजुङ् गतौ // 76 // इञ्जते / इजाश्चक्रे / ईजि कुत्सने च। ईजते / ईजाश्चक्रे / ऋजि गतिस्थानार्जनोपार्जनेषु // 78 // अर्जते। आनृजे। ऋजुङ् भृजैङ् भर्जने // 80 // तिजि क्षमानिशानयोः // 82 // निशानं तीक्ष्णीकरणम् / - 166 गुप्तिजो गर्हाक्षान्तौ सन् // 3 / 4 / 5 // गुतिज इत्येताभ्यां यथासंख्यं गर्दायां शान्तौ च वर्तमानाभ्यां स्वार्थे सन् प्रत्ययः स्यात् / अकारः सन्ग्रहणेषु सामान्यग्रहणार्थः / नकारः सन्यङश्चेत्यत्र विशेषणार्थः / तितिक्षते। सहते इत्यर्थः / तेजने तु तेजयति / एवं गुप्धातोगीयां जुगुप्सत इति / अन्यत्र गोपयति / इति चवीयान्ताः। घट्टि चलने // 82 // स्फुटि विकसने 83 // स्फोटते। चेष्टि चेष्टायाम् / / 84 // गोष्टि लोष्टि संघाते // 86 // वेष्टि वेष्टने // 87 // अष्ट्रि हिंसातिक्रमयोः // 8 // दोपान्त्यस्तोपान्त्यो वा / अट्टते / आनट्टे / एठि हेठि विबाधायाम् // 90 एठाञ्चक्रे। जिहेठे / मठुङ् कठुङ् शोके // 92 // शोकोऽत्राध्यानम् / मण्ठते / कण्ठते / मुठुङ् पलायने // 92 // वठुङ एकचर्यायाम् // 94 // अठुङ् पठुङ् गतौ // 96 // हुडुङ् पिडुङ् संघाते॥९८॥ शडुङ्जायां च // 99 / / चात्संघाते। तडुङ् ताडने // 100 // कडुङ् मदे // 101 // खडुङ् मन्थे च // 102 // खुडुङ् गतिवैकल्ये // 103 // कुडुङ् दाहे // 104 // वडुङ् मडुङ् वेष्टने // 106 // विभाजने इत्येके / विभाजनं विभागीकरणम् / चरमाभावश्च / भडुङ् परिभाषणे // 10 //