________________ हैमपञ्चपाठी. [ हैमतडण आघाते / 44 खड खडण मेदे / 45 कडण् खण्डने च / 46 कुडुण् रक्षणे / 47 गुडुण वेष्टने च / 48 चुडुण छेदने / 49 मडण् भूषायाम् / 50 भडुण् कल्याणे / 51 पिडण् सङ्घाते / 52 ईडण् स्तुतौ / 53 चडण् कोपे / 54 जुड चूर्ण वर्णण प्रेरणे / 55 चूण तूणण संकोचने / 56 श्रणण् दाने / 57 पूणण संघाते / 58 चितुण् स्मृत्याम् / 59 पुस्त बुस्तण आदरांनादरयोः / 60 मुस्तण संघाते / 61 कृतण संशब्दने / 62 स्वर्त पथुण गतौ / 63 श्रथण् प्रतिहर्षे / 64 पृथुण प्रक्षेपणे / 65 प्रथण् प्रख्याने / 66 छदण् संवरणे / 67 चुदण संचोदने / 68 मिदुण् स्नेहने / 69 गुर्दण् निकेतने / 70 छर्दण् वमने 71 बुधण् हिंसायाम् / 72 वर्धण छेदनपूरणयोः। 73 गर्धण अभिकांक्षायाम्। . 74 बन्ध बधण संयमने / 75 छपुण गतौ / 76 क्षपुण् क्षान्तौ / 77 ष्ट्रपण समुच्छ्राये / 78 डिपण क्षेपे / 72 रुपण व्यक्तायां वाचि। 80 डपु डिपुण् संघाते। 81 शूर्पण माने / 82 शुल्बण् सर्जने च / 83 डबु डिबुण् क्षेपे / 84 सम्बण् सम्बन्धे / 85 कुबुण आच्छादने / 86 लुब्बु तुबुण तर्दने / 87 पुर्बण निकेतने / 88 यमण परिवेषणे 89 व्ययण क्षये / 90 यत्रुण संकोचने / 91 कुगुण अनृ. तभाषणे। 92 श्वभ्रण गतौ / 93 तिलण् स्नेहने / 94 जलण अपवारणे। 95 क्षलण शौचे। 96 पुलण् समुच्छाये / 97 बिलण् मेदे / 98 तलण् प्रतिष्ठायाम् / 99 तुलण उन्माने / 100 दुलण् उत्क्षेपे / 101 बुलण निमन्जने / 102 मुलण रोदने / 103 कल किल पिलण क्षेपे / 104 पलण रक्षणे / 105 इलण् प्रेरणे / 106 चलण भृतौ / 107 सांत्वण सामप्रयोगे / 108 धूशण कान्तीकरणे। 109 श्लिषण श्लेषणे / 110 लुषण् हिंसायाम् / 111 रुषण रोषे / 112 प्युषण उत्सर्गे। 113 पसुण नाशने / 114 जसुण रक्षणे / 115 पुंसुण अभिमर्दने / 116 ब्रुस पिस जस बर्हण हिंसायाम् / 117 लिहण स्नेहने / 118 म्रक्षण म्लेच्छने। 119 भक्षण अदने / 120 पक्षिण परिग्रहे / 121 लक्षीण दर्शनांकनयोः। // इतोऽर्थविशेषे आलक्षिणः॥ 122 ज्ञाण मारणादिनियोजनेषु / 123 च्युण सहने / 124 भूण अवकल्कने / 125 बुक्कण भषणे / 126 रक लक रग लगण आस्वादने / 127 लिगुण चित्रीकरणे / 128 चर्चण अध्ययने / 129 अंचण विशेषणे / 130 मचण प्रमोचने / 131 अर्जण प्रतियत्ने / 132 भजण विश्राणने / 133 चट स्फुटण मेदे। 134 घटण संघाते हन्त्यर्थाश्च / 135 कणण निमोलने / 136 यतण् निकारोपस्कारयोः / 137 निरश्च प्रतिदाने / 138 शब्दण् उत्सर्गात् भाषाविष्कारयोः / 139 दण् आश्रवणे / 140 आङः क्रंदण् सातत्ये / 141 142 मुदण् संसर्गे / 143 शृधण् प्रसहने / 144 कृपण अवकल्कने / 145 जभुण नाशने। 146 अमण रोगे। 147 चरण असंशये। 148 पूरण आप्यायने / 149 दलण विदारणे / 150 दिवण् अर्दने / 151 पश पषण् बन्धने / 152 पुषण धारणे / 153 घुषण विशब्दने / 154 आङः क्रन्दे / 155 भूष तसुण