________________ 992 हैमपशापाठी. [ हैमषिट अनादरे / 95 जट झट सङ्घाते / 96 पिट शब्दे च / 97 भट भृतौ / 98 तट उच्छाये / 99 खट कांक्षे / 100 गट नृत्तौ / 101 हट दीप्तौ / 102 षट अवयवे / 103 लुट विलोटने / 104 चिट प्रेष्ये / 105 विट शब्दे / 106 हेट विबाधायाम् / 107 अट पट इट किट कट कटु कट गतौ / 108 कुटु वैकल्ये / 109 मुट प्रमर्दने / 110 चुट चुटु अल्पीभावे / 111 वटु विभाजने / 112 रुटु लुटु स्तेये / 113 स्फुट स्फुट्ट विशरणे / 114 लट बाल्ये / 115 रट रठ च परिभाषणे / 116 पठ व्यक्तायाम् वाचि / 117 वठ स्थौल्ये / 118 मठ मदनिवासयोश्च / 119 कठ कृछ्रजीवने / 120 हठ बलात्कारे / 121 उठ रुठ लुठ उपघाते / 122 पिठ हिंसासंक्लेशयोः / 123 शठ कैतवे च / 124 शुठ गतिप्रतिघाते / 125 कुछ लुटु आलस्ये च / 126 शुटु शोषणे / 127 अठ रुठु गतौ / 128 पुडु प्रमर्दने / 129 मुड खण्डने च / 130 मडु भूषायाम् / 131 गडु वदनैकदेशे। 132 शौड गर्वे / 133 यौड सम्बन्धे / 134 मेट्ट ब्रेड म्लेड लोड लौट्ट उन्मादे / 135 रोड़ रौड़ तौड़ अनादरे / 136 क्रीड़ विहारे / 137 तड तृट्ट तौड तोडने / 138 हुड हूड हूड होड़ गतौ / 139 खोड़ प्रतिघाते / 140 विड आक्रोशे / 141 अड उद्यमे / 142 लड विलासे / 143 कडु मदे / 144 कड्ड कार्कश्ये / 145 अड्डु अभियोगे / 146 चुडु हावकरणे / 147 अण रण वण व्रण बण भण भ्रण मण धण ध्वण ध्रण कण कण चण शब्दे / 148 ओण अपनयने / 149 शोण वर्णगत्योः / 150 श्रोण श्लोण संघाते / 151 पै” गतिप्रेरणश्लेषणेषु / 152 चितै संज्ञाने / 153 अत सातत्यगमने / 154 च्युत आसेचने। 155 चुतृ श्चुतृ प्रच्युत क्षरणे। 156 जुतृ भासने / 157 अतु बन्धने / 158 कित निवासे / 159 ऋत घृणागतिस्पर्द्धषु / 160 कुथु पुथु लुथु मथु मन्थ मान्थ हिंसासंक्लेशयोः। 161 खाद भक्षणे 162 बद स्थैर्ये / 163 खद हिंसायाम् च / 164 गद व्यक्तायाम् वाचि / 165 रद विलेखने / 166 णद निविदा अव्यक्ते शब्दे / 167 अर्द गतियाचनयोः / 168 नई गर्द गर्द शब्दे / 169 तर्द हिंसायाम् / 170 कर्द कुत्सिते शब्दे / 171 खर्द दशने / 172 अदु बन्धने / 173 इदु परमैश्वर्य 174 बिदु अवयवे / 175 णिदु कुत्सायाम् / 176 टुनदु समृद्धौ / 177 चदु दीप्त्याल्हादनयोः / 178 अदु चेष्टायाम् / 179 कदु क्रदु क्लदु रोदनाह्वानयोः / 180 क्लिदु परिदेवने / 181 स्कंदं गतिशोषणयोः / 182 षिधु गत्याम् / 183 विधौ शास्त्रमाङ्गल्ययोः। 184 शुन्ध शुद्धौ / 185 स्तन धन ध्वन चन स्वन वन शब्दे / 186 वन षन संभक्तौ / 187 कनै दीप्तिकान्तिगतिषु / 188 गुपौ रक्षणे / 189 तप,-धुप, सन्तापे / 190 रप लप जल्प व्यक्ते वचने / 191 जप मानसे च / 192 चप सान्त्वने / 193 षप समवाये / 194 सृप्लं गतौ / 195 चुप मन्दायाम् / 196 तुप तुम्प त्रुप त्रुम्प तुफ तुम्फ त्रुफ त्रुम्फ हिंसायाम् / 197 वर्फ रफ रफु अर्ब कर्व खर्ब गर्व चर्ब तर्ब नर्व पर्व बर्व शर्ब पर्व सर्व