________________ पर्यायाधिकार 169 35. अर्थ पर्याय के कितने भेद हैं ? दो हैं - स्वभाव अर्थ पर्याय व विभाव अर्थ पर्याय / 36. स्वभाव अर्थ पर्याय किसे कहते हैं ? बिना दूसरे निमित्त के जो अर्थ पर्याय हो, उसे स्वभाव अर्थ पर्याय कहते हैं; जैसे जीव की केवल ज्ञान पर्याय। 37. विभाव अर्थ पर्याय किसे कहते हैं ? पर के निमित्त से जो अर्थ पर्याय हो, उसे विभाव अर्थ पर्याय कहते हैं; जैसे जीव के रागद्वेषादि। 38. व्यञ्जन व अर्थ पर्याय की अन्य विशेषतायें दर्शाओ ? व्यञ्जन पर्याय छद्म ज्ञानगम्य, चिरस्थायी, वचन गोचर व स्थूल होती है, और अर्थ पर्याय केवलज्ञानगम्य, क्षणस्थायी, वचन अगोचर व सूक्ष्म होती है / स्थूल व सूक्ष्म पर्याय से क्या समझे ? बाहर में व्यक्त होने वाली पर्याय स्थूल तथा अव्यक्त रहकर, अन्दर ही अन्दर होने वाली सूक्ष्म होती है। चिर स्थायी व क्षण स्थायी से क्या समझे ? कुछ मिनट, घन्टे, दिन, महिने, वर्ष या सागरों पर्यन्त टिकने वाली पर्याय चिरस्थायी होती है और एक समय या क्षुद्र अन्तर्मुहूर्त मात्र टिकने वाली क्षण स्थायी कही जाती है / व्यञ्जन व अर्थ पर्याय पर ये लक्षण घटित करो ? व्यञ्जयन या द्रव्य पर्याय चिरकाल स्थायी हैं, क्योंकि द्रव्य का आकार क्षण-क्षण में बदलता दिखाई नहीं देता, सारी आयु पर्यंत एक ही रहता है, जैसे मनुष्य का आकार / बाहर में व्यक्त होने से यह स्थल व छद्मस्थ ज्ञान गम्य है। अर्थ या गण पर्याय अन्दर ही अन्दर परिणमन करने से अव्यक्त है और इसलिए सूक्ष्म / परिणमन क्षण प्रति क्षण बराबर होता रहता है, इसलिए केवल ज्ञान गम्य है। 42. व्यञ्जन पर्याय भी तो क्षण प्रति क्षण बदलती है ? एक ही मनुष्य पर्याय में बालक, युवा, वृद्ध आदि पर्यायों के रूप में / यद्यपि व्यञ्जन पर्यायें भी क्षण-क्षण में बदलती हैं, पर उसका बाह्य व्यक्त रूप फिर भी चिरस्थायी ही रहता है; जैसे 2 वर्ष शिशु, 2 वर्ष किशोर, 4 वर्ष बालक, 20 वर्ष युवा, 20 वर्ष प्रौढ़ आदि / इनमें जो क्षण-क्षण प्रति सूक्ष्म परिवर्तन होता है, वह व्यवहार गम्य नहीं है /