________________ 2. B प्रत-श्री संघना जैन ज्ञानभंडारनी आ हस्तप्रत पण पाटणना श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमांथी प्राप्त थई छे. त्यांना ग्रन्थभंडारमा एनो क्रमांक 3140 (डा. 114) छे. एमां कुल 5 पत्र छे. पत्रनुं माप 10x4.3" छे. पत्र 1, 2 अने 6 नी आगळपाछळ दरेक पृष्ठ उपर 17 लीटी, ज्यारे पत्र 3 अने ४नी आगळपाछळ दरेक पृष्ठ उपर 18 लीटी लखेली छे. दरेक पृष्ठनी डाबी अने जमणी बाजुए 0.5" नो काळी शाहीथी हांसियो दोरेलो छे, तेमज उपरनीचे ०.३"थी 0.4" जग्या कोरी राखेली छे. पृष्ठांक 1 थी 5 दरेक पत्रनी पाछळनी जमणी बाजुए नीचे हांसियामां काळी शाहीथी लखेल छे. आखीये प्रत एक ज हाथे देवनागरी लिपिमां, खडी मात्रामां, काळी शाहीमां सळंग लखायेली अने अखंड छे. दंड अने कडीओनी संख्या (पहेला अधिकारमा 1 थी 70 अने बीजा अधिकारमा 1 थी 113 ) पण काळी शाहीमां छे. वच्चे कलशाकृति के स्वस्तिक नथी. अक्षरो नाना छतां सुवाच्य छे. आ प्रतमां पण पुष्पिका के लेखनसंवत नथी. 3. C प्रत-लहेरु वकील जैन ज्ञानभंडारनी आ हस्तप्रत पण पाटणना श्रीहेमचन्द्राचार्य जैन ज्ञानमंदिरमाथी प्राप्त थई छे. त्यांना ग्रन्थभंडारमा एनो क्रमांक.१०८१३ (डा. 230) छे. एमां कुल 10 पत्र छे. पत्रनुं माप 10.2"x4.4" छे. दरेक पत्रनी आगळपाछळ दरेक पृष्ठ उपर 13 लीटी लखेली छे, पण पहेलं पत्र पाछळनी बाजुए कोरं छे. दरेक पृष्ठनी डाबी अने जमणी बाजुए ०.७"थी०.८" नो काळी शाहीथी हांसियो दोरेलो छे, तेमज उपरनीचे *4" थी .5" जग्या कोरी राखेली छे. पृष्ठांक 1 प्रथम पत्रनी आगळनी जमणी बाजुए, ज्यारे पृष्ठांक 2 थी 10 पत्रनी पाछळनी जमणी बाजुए नीचे हांसियामां काळी शाहीथी लखेल छे. आ पृष्ठांकवाळां पत्रनी डाबी बाजुए हांसियामां मथाळे पण 'रंगरत्नाकरप्रबंध' ए शब्द पछी पृष्ठांक लखेला छे. आखीये प्रत एक ज हाथे देवनागरी लिपिमां, खडी मात्रामां (पहेला पृष्ठनी पहेली बे लीटीमां पडीमात्रानो उपयोग थयेलो छे), काळी शाहीमां लखायेली, अखंड अने सुवाच्य छे. दंड अने कडीओनी संख्या ( पहेला अधिकारमा 1 थी 70 अने बीजा अधिकारमा १थी 116) पण काळी शाहीमां छे. दरेक पृष्ठनी वच्चे कलशाकृति छे. आ प्रतमां पण पुष्पिका के लेखनसंवत नथी / 4. आ उपरांत आ कृतिनी एक हस्तप्रत अमदावादना लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिरना ग्रंथभंडारमाथी मळी हती. ए प्रतनी पुष्पिका आ प्रमाणे छ :