________________ पञ्चमं परिशिष्टम् / पृष्ठम् लोकादि 147 हलदी हलना श्रेष्ठा [धन्व० 1-55 प०१७] हायनो दीर्घनालश्च ] 209 - प्रलोकादि धन्व० 2-9 5070] हरस्य भवने जाता धन्व० 1-211 प०४९] हरिद्रा पीतिका पिङ्गा [धन्व० 1-54 प०१७] हरिद्रा पीतिका पिण्डा धन्व० 1-54 प०१७] हरीतक्यभया पथ्या [धन्व० 1-205 प०४९] 118 हिङ्गुनिर्यासशब्दोऽयं / [शाश्वत० श्लो० 373] हिगुपत्री तु कारवी .. [धन्व० 2-38 5077] हिङ्गु रामठमत्युग्रं [धन्व. 2-36 प०७४] 146 145