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________________ पञ्चमं परिशिष्टम् / हेमचन्द्रीयनिघण्टुशेषटीकायां टीकाकृता श्रीश्रीवल्लभोपाध्यायेनो ढतानामक्तरण श्लोकादीनामकारादिवर्णक्रमेणानुक्रमणिका / श्लोकादि पृष्ठम् श्लोकादि पृष्ठम् अतिमुक्तः पुण्डूकः स्यात् अक्षोटः पार्वतीयश्च _ [अमर० का० 2 वर्ग 4-72] 23 धन्व० 5-60 पत्र. 180] 78 अतिमुक्तो माधवी च अगरुः प्रवरं लोहं [धन्व० 3-2550 98] 15 धन्व. 5-153 प० 201] अगस्त्याह्वो बङ्गसेनो अति विषा शुक्लकन्दा धन्व० 1-10 प० 8] 158 अगुरुः स्याच्छिंशपायां [महेश्वर अथ कमलोत्तरम् [अमर० का० 2 वर्ग 9-106] 149 अग्निमन्थोऽग्निमथन-[इन्दु] अथ कारवेल्लः कटिल्लकः [अमर० का० 2 वर्ग 4-154] 193 अग्निमन्थोऽग्निमथन-[चन्द्रनन्दन अथ कुटजः शक्रो [अमर० का० 2 वर्ग 4-66] 11 अथ द्वयोः पाटलिः पाटलाऽमोघा अङ्कोठोऽङ्कोलको रेची [अमर० का० 2 वर्ग 4-54] 13 [धन्व० 1-258 50 60] अथ महौषधम् अङ्गारवल्ली बालेय [अमर० का० 2 वर्ग 4-148] 184 अमर० का. 2 वर्ग 4 -90] 150 अथ वेतसे अङ्गारवल्ली शाङ्गस्था [अमर० का० 2 वर्ग 4-29] 72 [धन्व० 5-110 पा० 191] 81 अथ सिन्दुकः / सिन्दुवारेअजगन्धा खरपुष्पी [अमर० का० 2 वर्ग 4-68] 103 [धन्व० 1-100 प० 90] 197 अथो वेल्लममोघा अजमोदा बस्तमोदा [अमर० का० 2 वर्ग 4-106] 95 [धन्च०२-९८ प० 89] अनूपसंभवः प्रायः 141 वाचस्पति ] 201 अजमोदा ब्रह्मकुशा [चन्द्र०] अन्यः पलाण्डुस्तु [धन्व० 4-71 प० 148] 184 अजशृङ्गी मेषशृङ्गी अन्या क्षीरविदारी स्याद् [धन्च० 1-87 प० 23] [धन्व० 1-149 प० 35] 110 अतसी मसृणा नील अन्या तु दक्षिणावर्ता ] 216 ] 107 141
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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