SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 343
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 306 तृतीयं परिशिष्टम् / 'विडंग-विडङ्ग केरला अमोघा तण्डुल चित्रतण्डुला [ मोघा तन्दुल कृष्णतन्दुल पु० नि०] भस्मक [वेल्लक नि०] कृमिहन् जन्तुघातक मृगगामिनी 172 / ऋषभु-इन्द्राक्ष ऋषभ वीर श्रीमत् वृषभनामक धूर्वह [धुर्धर पु० धूधुर नि०] गोपति ऋगिन् बन्धुर पृथिवीपति 173 / ऋद्धि वृद्धि-ऋद्धि सिद्धि युग [सिद्धियुग पु.] योग्य रथाङ्ग मङ्गल वसु ऋषिसृष्टा सुख [ऋषिसृष्टसुख नि०] लक्ष्मी वृद्धिः 174 / पदमाकु-पद्मक मालक पीतरक्त [पीत रक्त नि०] चारुः सुप्रभ [चारु सरुस्सव पु० चरु सरुश्यव नि०] सुरभि [सुसभ नि०] शीतवीर्य पाटल पीतवर्णक 175 / "कङ्कुष्ठ-कङ्कुष्ठ काककुष्ठ पुलक काकपालक रेचन शोधन ह्रास विडङ्ग रङ्गदायक 176 / 'फलूहा-परूषक अल्पास्थि [अल्पास्थिः पु० नि०] परुष नीलपर्णक परापर [परोपर पु० नि०] परु [पर नि०] चे परिमण्डल 177 / "खर्जूर-खजूर अप्रज [त्वग्रुजः नि०] पिण्डिन् निःश्रेणि स्वादुमस्तक / महाखजूरी-महाखचॅरिका भूमिखजूरी काकपर्कटी [काकपर्कटि पु. काककर्कटी नि०] 178 / 'ताड-तल ताल लेख्यपत्र तृणराज ध्वजद्रुम / 'नालेर-नालिकेर रसफल लाङ्गलिन् कूर्चकेसर [कूर्च केशर पु०] 179 दाक्षिणात्य दृढफल नालि. ____ केल [नारिकेर नि.] लतातरु / १°सोपारी-पूग क्रमुक गूवाक खपुर [पूगी नि०] नीलवल्कल नीलकल्कल पु.] 180 घोण्टा / "पूगफल-उद्वेग / "फोफलु-चिक्क चिक्कण / हिन्ताल-हिन्ताल तृणराज राजवृक्ष लताङ्कुर 181 / "ताली-ताली मृत्युपुष्पा [मृत्युपुष्टा पु० मृदुपुष्पा पुपा०] एकपत्रफला / "केतक-केतक रजःपुष्प जम्बूल क्रमचच्छद 182 / तृणजाति-तृणपादप-खर्जूर ताल खजूरी ताली हिन्ताल केतक क्रमुक नालिकेर 183 / "निर्गुण्डी-सिन्दुवार निर्गुण्डी [निर्गुण्ठी टी.] सिन्दुक नीलसिन्दुक [नीलसन्धिक पु. नि.] शीत ___ सहः इन्द्रसुरसः [शीतसहा सुरसा नि०] इन्द्राणो सिन्दुवारिका [सिन्दुवारकः पु. नि०] 184 / नीलनिर्गुण्डी- वनशेफाली सुपुष्पा नीलमजरी / प्रवेतनिर्गुण्डी-श्वेतसुरसा गोलोमी [ गोलोमा नि० ] भूतवेशी [ भूतकेशी पु० नि० पु१ पु२ ] 185 / 1. (1) वावडींग (2) वायवडंग // 2-3. अष्टवर्गगता दिव्यवनस्पतिः // 4. पद्मकाष्ठ / 5. रेवंचीनो शीरो // 6. फालसा // 7. खजुर / / 8-14 ताड 9. नालियेर // 10-11 सोपारी / / 12. चीकणी सोपारी / / 13. ताडमेदः // 15 केवडो // 16. नगोड /
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy