________________ 302 तृतीयं परिशिष्टम् / 'महूडउ-मबूक मधुशाक माधव मधुक मधु 110 मध्वष्ठील मधुकाष्ठ मधुस्रव [मधुश्रव सं० पु.] रोध्रपुष्प [रोधक पु.] कोषपुष्प मधुपुष्प गुडपुष्प गोलफल 111 / महाडोलु-मधूकविशेष-मधुल [मधुलि पु.] वारिज [गिरिज पु०नि०] दीर्घपत्रक नीरवृक्ष तीरवृक्ष सं०पु०नि०] गैरिकाख्य [गौरशाक सं०पु० ] ह्रस्वपुष्प ह्रस्वफल 112 / टीडू-तिन्दुक [तिण्डारु सं०] स्कूनन [स्फूर्जक नि० ] तुष्ट कालस्कन्ध विरूपक निःस्यन्दन कालसार रावण [ कालशाक द्रावण सं०पु०नि०] नीलसारक 113 / काकटींडू-कातिन्दुक मर्करतिन्दुक का केन्दुक काकपील कुल कुल क 114 / रोध-रोध्र लोध्र / प्रवेतलोध्र-शावर स्थूलवल्कल [शाम्बर तनुवल्कल सं० पु०नि० ] महारोध तरु [ मैत्र्य सं० पु० अनम्भस् नि०] शबरपादप 115 / सं०नि० स्थूलवक्षस् पु.] बृहत्पत्र / कृष्णलोध्र-कृष्णलोध्र गालव / भूर्ज-भूर्ज भूज बहुपुट [ बहुपाट पु० बहुपट नि० ] मृदुत्वक्क [ मृदुवल्क नि० ] मृदुच्छद 117 रेखापत्र छत्रपत्र [ चित्रपत्र पु.] बहुत्वक् चर्मिन् / 'गूंदी-लेष्मातक भूतवृक्ष पिच्छिल द्विजकुत्सित 118 वसन्तकुसुम शेलु फरेलु [ कफेलु नि.] लेखशाटक विषघातिन् बहुवार शीत उद्दालक सेलु [ शलु सं०पु० ] 119 / 'वडहर-लकुव लिकुच [बकुल कण्टकिन् नि०] ग्रन्थिमत्फल [ प्रन्धिफल पु०नि० ] / "कटहर-पनस [ अम्बुपनस पु०नि० ] डहु [ दुहु सं०] लकुच क्षुद्रपनस / लकुचफल--[ तनु नि०] न्युब्जक [ कुब्जक नि०] 120 / 'आंबउ-आम्र रसाल माकन्द कामाङ्ग पिकबान्धव वनपुष्पोत्सव चूत परपुष्टमोत्सव [ परपुष्टमहो द्भव सं० परपुष्टमदोद्भव पु० नि०] 121 मधुदूत मधुफल सुफल मदिरासख वसन्तपादप / सुगन्धिआम्र-सहकार 122 / क्षुद्राम्र-क्षुद्राम्र कृमितरु लाक्षावृक्ष जतुद्रुम सुकोशक [ सुकेशक सं०पु०नि० ] घनस्कन्ध कोशाम्बु [ केशाम्बु सं०पु०नि० ] सुरक्तक [ सरक्तक पु.] 123 टङ्क नीलकपित्थ / "जांबू-जम्बू महाफला राजजम्बू नीलाम्बुजच्छदा [ नीलाम्बुकच्छदा नि०] 124 सुगन्धिपत्रा। जम्बूविशेष- काकजम्बू कुजम्बुका उशीरपत्रा नादेयी वैदेशी काकवल्लभा 125 / 1. महूडो // 2. टिंबरवो॥ 3. लोधर / / 4. भोज // 5. गुंदी // 6. बडहर (हिंदी) // 7. फनस // 8. आंबो // 9. जांबू /