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________________ हैमनिघण्टुशेषटीकान्तर्गताः संस्कृतशब्दयुता लोकभाषाशब्दाः / 297 'कपूर -कर्पूर घनसार हिमाह्व हिमवालुका [हिमवालुक पु. नि०] 33 सिताभ्र शीतलरजस् स्फटिका चन्द्रनामक। कोल-कक्कोलक [कङ्कोलक नि०] कटुफल कोलक [कोमक नि०] माधवोषित [ भागधोत्थित सं० पु०नि०] 34 कोल कोशफल कोर मारीच द्वाप [डोप सं०] / 'लवङ्ग-लवङ्ग शिखर दिव्य भृङ्गार वारिज लव 35 श्रीपुष्प ,याह्वय [स्त्रीपुष्प स्त्र्याह्वय सं०] देवपुष्प चन्दनपुष्पक / नलिका-नलिका कोताहि [कपोताघ्रि नि०] निर्मध्या शुषिरा 36 नटी अञ्जनकेशी धमनी शून्या विद्रुमवल्ली। अमीत उ-अतिमुक्त मण्डक [मुण्डक सं० पु.] पुण्डक भ्रमरोत्सव 37 पराश्रय सुवसन्त [सुवासन्तो नि०] कामुक माधवी लता। "पीपल-पिप्पल [विष्पल पु.] बोधि अश्वत्थ श्रीवृक्ष चलपत्रक 28 मङ्गल्य केशवावास श्यामल द्विरदाशन / "पींपरी-गर्दभाण्ड कन्दराल छायावृक्ष कमण्डलु 39 प्लक्ष वट प्लव [वट प्लक्ष सं० वटप्लव निक वटप्लिव पु०] शुङ्गी [तुङ्गी पु.] सुपार्श्व चारुदर्शन कपीतन कपीत [कपीन सं० नि०] पीतन प्लवक 40 / पर्कटि पिष्पलविशेष--पर्कटि [कर्पटी नि०] पर्कटिन् [पर्टकिन् सं० पर्कट पु.] प्लक्ष सतीद [सतीट सं०] लक्षण जटिन् नटी / वड-वट वैश्रवणावास न्यग्रोध बहुपाद् ध्रुव 41 स्कन्ध जन्मन् रक्तरुल क्षीरिन् शुङ्गो वनस्पतिः / 'उंबरा - उदुम्बर जन्तुफल[कृमिफल टी.] यज्ञाङ्ग हेमदुग्धक 42 सदाफल वसुवृक्ष *वेतवरक मशकिन् / कालंबरी-का कोदुम्बरिका फाल्गुनी फल्गुवाटिका [फल्गु वाटिका सं०]४ 3 फल्गु आजी फलभारी मलयू [फलयू नि०] [फला ?ल)राजी नि०] / १०रायणी राजादन राजन्या क्षीरिका प्रियदर्शन 44 करिनिय दृढस्कन्ध मधुफल रालफल[राजफल नि०] नृपः / "पियाल-पियाल राजवृक्ष बहुवल्क धनुष्पट 45 सन्नाद्र खरस्कन्ध चार [खरस्कन्धवार पुकताप सवल्लभ। अंबाडओ-आम्रातक वर्ष किन कपिचूत [कपिभूत सं०] क पप्रिय 46 कपीतन पीतनक तनुक्षीर अम्लपाटक [अम्रपाटक सं०पु०नि०] शुङ्गो [शृङ्गो सं० पु.] कपिरसाढय दृष्यफल बिभीषण 47 / आकु-अर्क विकीरण अहि [भास्कर रवि टी.] जम्भल आस्फोट [आस्कोत सं०पु.] विष्किर [विच्छुर सं० विच्छूर पु०] क्षीर अर्कपर्ण / आकुमंदार-राजार्क अलर्क गणरूपक 48 एकाष्टील सदापुष्पिन् [सदापुष्प नि०] मन्दार प्रतापस। 1. कपूर / / 2. (1) चणकपाबा (2) चीनिकबाबा // 3. 'मागधोस्थित' इति पाठः सम्पगव भासते॥ 4. (1) लवंग (2) लवींग // 5. पोपळो / 6. पीपळो // 5. वड / / 8.(1) उपरो (2) उमरडो॥ 9. ढेड उमरडी // 10. (1) रायण (2) राण // 11. चारोळी // 12. आकडो॥
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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