________________ *तृतीय परिशिष्टम् / हेमचन्द्रीयनिघण्टुशेषटीकाकृनिर्दिष्टलोकभाषारूढनाम्नां संस्कृतभाषारूढान्ये कार्थिकानि नामानि / [प्रस्तुतपरिशिष्टगतसंस्कृतशब्दकदम्बकमध्यगता अङ्का निघण्टुशेषमूलश्लोकाङ्कसूचका : समवगन 'अशोक-अशोक स्त्रीप्रिय शोकनाशन स्यन्दन अलस वजुल मदनावास स्त्रीपादाहतिदोहद [स्त्री. पादाहतिदौहृद पु.]३ हेमपुष्प कर्णपूर कहे ल्लि मधुमण्डन पिण्डपुष्प [पिण्डीपुष्प पु.] लतावृक्ष पौलोमीद्रुम रोहिणीद्रुम 4 / बउल--बकुल मदिरागन्ध कृष्णत्वक् मद्यदोहद [मद्यदौहृद पु०] द्राक्षाफल गूढपुष्प केसर सिंह केसर 5 विशारद गुडपुष्प / बकुलफल-पर्पट / 'तिलकु-तिलक पूर्णक छन्नकुसुम मुखमण्डन 6 चित्रक क्षुरक रेचिन् स्त्रीनिरीक्षणदोहद / *कांचणयरु--कोविदार भद्रदारु काञ्चनार युगच्छद 7 ताम्रपुष्प चमरिक कुद्दाल कुण्डलिन् कुलिन् काञ्चन मालुकापर्ण कुदार स्वल्पकेसर [यमलपत्रक टी०] 8 / "चांपउ-चम्पक काञ्चन हेमपुष्पक षट्पदातिथि कुसुमेन्द्र वरलब्ध कुमारीवल्लभ चल 9 चाम्पेय कुसुमारोग्य कलिकागन्धफलिन् / 'नागकेसर--नागकेसर नाग केसर हेमकेसर 10 दर्वीसह [दारूसह पु.] दुष्प्ररोह चाम्पेय स्कन्धभूषण नागपुष्प कुम्भफल हेमाह्वय साह्वय द्विपाह्वय 11 / नागकेसरपुष्पचूर्ण-करिकुसुम पुष्परोचन / कदम्ब—कदम्ब पीतदारु प्रावृषेण्य हलिप्रिय 12 हारिद्रक कादम्बर्य [कदम्बयं पु० पुलविन् पर्वताह। म्ब-धूलीकदम्ब अम्बष्ठ सुवास वृत्तपुष्पक 13 / धाराकदम्ब-धाराकदम्ब अरणि विश्वरूप महौ जस् / नीपकयंबभेद-नीप दीपन धूर्त नर्त धूवारक शिव 14 महाकदम्ब प्रियक घण्टापुष्प सुपुष्पक / 'कुडउ-कुटज कोटज कोहिन् वत्सक गिरिमल्लिका 15 वृक्षक मल्लिकापुष्प कलिङ्ग पाण्डुर द्रुम इन्द्रवृक्ष यवफल दीप्तभद्रा उडुमल्लिका 16 / * प्रस्तुतपरिशिष्टगताः टिप्पण्यः सूरतनिवासिश्रीबापालालभाईवैद्यमहाशयादवगम्यात्र निष्टङ्किताः 1. स्त्रीपादाहतिदोहदप्रत्ययोऽशोको न दृश्यते / योऽस्य गूर्जरगिरायां 'आसोपालव' इति प्रवादो वर्तते सोऽसमीचीनः / अशोक-Saraca indica, आसोपालव-Polyalthia longiolia इति आंग्लभाषाप्रसिद्ध वृक्षद्वयं सम्भाव्यते, अत्रापि स्त्रीपादाहतिदोहदलक्षणं न निर्णीतमस्माभिः / / 2. (1) बोरसल्ली (2) मोरसल्ली // 3. अस्य सम्यक परिचयो न ज्ञातः, अस्यWedlandia linctoria इति लेटीनशब्दः सम्भाव्यते // 4. (1) कचनार (2) कांचनार (3) पीळो चंपो (ग्रामीणगुर्जरभाषायाम्) // 5. चंपो / अस्य (1) क्षीरचंपक, खडचंपो, खेरचंपो (2) नागचंपो (3) पीतचंरक, स्वर्णचंपक (4) लीलो चंपो इत्यादि भेदा उपलभ्यन्ते // 6. नागकेसर // 9. कदंब // 8. कडो॥