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________________ स्त्री. पुं० पुं० हयुषा स्नायु . TH स्नुक हैमनिघण्टुशेषान्तर्गताना शब्दानामनुक्रमः / शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः स्थिरा स्त्री० सावनील 274 स्वादुकन्दा स्त्री० विदारि 195 स्थूल किरमालउ ९९पा० स्वादुफल पुं० धमणउ 106 स्थूलदर्भ शरकड 376 स्वादुमस्तक , महाखजूरि 178 स्थूलपत्र मुनिलोध्र 117 स्थूलपर्कट पुं०न. करमदा 51 हजी भाडंगि 275 स्थूलपर्ण सातवनउ 96 हट्टविलासिनी " हलद्र २१४पा. स्थूलवक्ष मुनिलोध्र ११५पा. हठ पुं० फंगाशाक 335 स्थूलवल्क हपुषा स्त्री. हयुषा २७०पा० स्थूलवल्कल श्वेतलोध्र 115 हयप्रिय जव 388 स्थूलैला स्त्री० कंकोली एला 32 स्त्री. युषा 270 स्थोणेयक थूणीयउ 169 हरण पुं० डूंगली 340 स्त्री० कायणी 269 मुंग स्निग्धदारु पुं० सरलउ १०८पा. हरिचन्दन पुं०न. रक्तचन्दन 25 स्निग्धपर्णी पीलउनी 316 हरित थूणीयउ 169 थोहरी 49 स्नुहि हरिता स्त्री . हलद्र 214 स्नेहविद्ध देवदारु 109 श्वेतदूर्वा 379 स्पृक्का स्त्री० पीक 170 हरिताली स्फटिक कपूर हरिद्रा 213 स्फुटी स्त्री० चीभडीपक्वफल 364 दारुहलद्र 167 पुं० टौंडू ११३पा० हरिपर्णक स्फूर्जन " 113 हरिमन्थक चिणा 389 स्यन्दन अशोक 3 हरिमन्थज कृष्णमुंग 391 स्योनाक अरलू-टीटू 86 हरिवालुक न० एलीयउ सवा स्त्री० पीलउनी 315 हरीतकी स्त्री . हरडइ स्रंसिन् पील वेणु 139 कलायरा 389 खुवावृक्ष कोक हलिनी स्त्री. राडागारी 317 देवदारु 109 हलिप्रिय पुं० कयंब 12 स्वर्णलता स्त्री० पीक 171 हलिमोची जलब्राह्मी ३५८पा. मालकांगुणी 209 हलीमक शाक 104 स्वर्णशेफालिका " किरमालउ 99 हल्लक न. रक्तसंधिउत्पल 332 स्वल्पकेसर कांचनार हविर्मन्थ अरणी स्वस्तिक षडकूतिर 355 हस्तिकर्ण , एरण्ड 154 स्वादुकण्टक कोक हस्तिकोशातकी स्त्री० हस्तिकोशातकी 323 गोखरू हस्तिदन्तक पुं०न० मूला 356 " स्फूर्जक " मूला " 233 स्वर्गद्रुम स्त्री०
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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