________________ अर्थः प्रलोकः वज 312 गन्धतृण ३७०पा० भीलामा 131 बहेग 81 गंदी 118 श्वेतशेफालिका 187 रोहीस ३६९पा. बला गन्धतृण ३७०प्रा० 172 72 गुली द्वितीयं परिशिष्टम् / शब्द लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् भद्रश्री चन्दन भूतनाशनी स्त्री. भद्रो स्त्री कायफल 148 भूतपालघ्न वन्यकर्षासी 157 भूतरह चन्दनशारिवा 314 भूतवास भद्रेला कंकोली एला ३२पा. भूतवृक्ष भद्रोदनी 260 भूतवेशी स्त्री० भद्रौनी २६०पा० भूतिक भल्लातक' पुं०(त्रि.) भीलामा 134 भूतिकतृण भल्ली. स्त्री० 135 भूतीक न. भस्मक पुं० विडंग भूतृण भस्मकाष्ठा स्त्री० खेजडी भूनिम्ब पुं० भस्मगर्भा स्त्री सीसमविशेष 70 भुपदी स्त्री० भस्मपिङ्गला , भूमिकालिका , भारद्वाजी , वन्यकर्पासी 157 भूमीखजूरी , भारवाही , 250 भूम्यामलकी , भारोद्वह पुं० धव भार्गवो द्रो 378 भूरि भार्गी भाउंगी 274 भास्करप्रिय न. रकचन्दन 24 भूरिगन्धा स्त्री० भास्कराह पुं.. आकु ४८टी० भूरिबला , भिक्षु स्त्री० मोडणेरी 215 भूरिस्नेह पुं० भिषग्मातृ अरडूसा 160 भूरुण्डी भीम पुं. अम्लवेतस 58 भूर्ज पुं० भीरु वेतसविशेष 130 भूस्तृण भुजगस्फटा स्त्री. दन्तीविशेष २०३पा. भृत " भूकूष्माण्डी विदारि १९६पा० भृङ्गमित्र भूचर गोखरू 201 भृगरज भूर्ज 117 भृक्षराज भूतकेशी स्त्री० श्वेतनिर्गुण्डी 185 भृङ्गसम्मता स्त्री० स्वेतनिर्गुण्डीमेद १८५पा० भृङ्गार न० शुक्ल शेफालिका १८७पा. , पुं० कृष्णमांसी 281 मेकरज भूतन्न हिङ्गु 265 भेदन भूतनी स्त्री० तुलछी 224 भौतिक भूतजटा . कृष्णमासी 282 भ्रमरोत्सव भूरण्डी किरायता 229 केवडी 242 गोभी- 259 पिंडखजूरि . 178 भूई आमली *212 श्रीहस्तिनी 355 रोहीस 369 गन्धतृण एकांगी 283 महाबला 263 भीलामा 134 श्रीहस्तिनी ३५५पा० भूर्ज 117 गन्धतृण मांगरउ 240 भांगरउ भूज सेवंत्री लवङ्ग भांगरउ " . 347 58 . अम्लवेतस भीलामा अमीतउ 134 . 7