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________________ १२ महावीर की साधना का रहस्य ___ तो हमारी जो दृष्टियां हैं, हमारे जो नय हैं, उन्हें हम ठीक से समझें । चेतना की जो परिणति होती है जो भावात्मक चेतना जिस क्षण में जैसे प्रकट होती है, उस क्षण में हम वैसे ही हो जाते हैं। किन्तु यह स्थूल दृष्टि का व्यवहार है । इसीलिए हम एक व्यक्ति को वही कहते चले जाते हैं। एक व्यक्ति सत्तर-अस्सी वर्ष का बूढ़ा हो गया। अध्यापकी छोड़ दी, फिर भी लोग उसे 'अध्यापक' या 'गुरुजी' कहते चले जाते हैं। कैसा अध्यापक ? कैसा गुरु ? किन्तु हम कहते ही चले जाते हैं। यह वास्तविकता नहीं है, सचाई नहीं है, शुद्ध नय की दृष्टि नहीं है। शुद्ध नय में भावात्मक सत्ता वही होती है जो हमारे भीतर उस समय क्रियाशील हो। ___ एक आदमी भीतर बैठा है । दरवाजे से प्रकाश भीतर जा रहा है। वह प्रकाश को देखता है । एक सूर्य हजारों-हजारों मकानों के हजारों-हजारों दरवाजों में बंट गया । हमारी चेतना अखण्ड है किन्तु वह हजारों दरवाजों में बंट जाती है । जो चेतना मस्तिष्क के द्वारा व्यक्त होती है, उस चेतना का नाम है 'चित्त' । मन भिन्न वस्तु है उससे । चित्त चेतना की एक खिड़की है यह वह खिड़की है जिसमें से हम बहुत दूर तक झांक सकते हैं अथवा बहुत दूर का प्रकाश हमारे भीतर तक पहुंच सकता है । एक ही चेतना के, एक ही सूर्य के प्रकाश के, अलग-अलग खिड़कियों और दरवाजों के कारण अलग-अलग नाम, संज्ञाएं और कार्य बन जाते हैं । • साधना के लिए आस्मा को जानना आवश्यक है, किन्तु शरीर को जानना क्यों आवश्यक है ? जो आत्मा को जानता है, वह बाहर को भी जानता है, शरीर को भी जानता है, अधिष्ठान को भी जानता है । महावीर ने कहा- 'जो अज्झत्थं जाणइ से बहिया जाणइ । जे बहिया जाणइ, से अन्झस्थं जाणई' । कितनी महत्त्व की बात है ! जो बाहर को ठीक से जानता है. जो अधिष्ठान को ठीक से जानता है, वही उसमें रहने वाले को ठीक से जान सकता है। जो अधिष्ठान को ठीक से नहीं जानता, आश्रय को ठीक से नहीं जानता, वह उसमें रहने वाली वस्तु को ठीक से कैसे जान सकता है ? इसलिए हमें आत्मा और शरीर-दोनों को समझना बहुत जरूरी है। दोनों के सम्बन्धों को समझना बहुत जरूरी है।
SR No.032716
Book TitleMahavir Ki Sadhna ka Rahasya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragya Acharya, Dulahrajmuni
PublisherTulsi Adhyatma Nidam Prakashan
Publication Year1985
Total Pages322
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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