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________________ श्रीसतवाले बेनि व्यापार की फर्म खुलवादी । कहने का तात्पर्य यह कि आप जोधपुर के एक कार्य्यं कर्त्ता समझदार तथा सुधारक सज्जन हैं। आपके सरदारमलजी तथा चौथमलजी नामक दो पुत्र हैं । सरदारमलजी मे अपने घर से परदा प्रथा को हटा दिया है। सेठ चन्दनमल जसराज भोसतवाल, अहमदनगर इस परिवार का मूल निवास स्थान, म्मरबाद में बोरावड़ के पास लाडोही नामक गाँव है। इस परिवार में ओसतवाल सूरतसिंहजी चोरों के साथ युद्ध करते हुए बुझार हुए, जिनका चबुतरा हाडोली में बना है। इनके पुत्र हुकमीचंदजी तथा पौत्र नवकमरूजी, प्रेमराजजी तथा खूबचन्दजी हुए। ये बंधु व्यापार के लिये सुरेगाँव ( अहमदनगर ) भने । साथ ही अपने भागेज पत्राललजी तथा धनरामजी डोसी को भी साथ कावे | संवत् १९३० में पेमराजजी ओसतवार तथा पद्मालाकजी डोसी ने अहमदनगर में पेमराज पचाकाल के नाम से दुकान की तथा इन्ही दोनों सज्जनों ने व्यापार में उन्नति की। धीरे २ इस दुकान की शाखाएँ मेलू, परभनी आदि स्थानों में खुलीं । सेठ पेमराजजी तथा उनके पुत्र जसराजजी १९५४ में स्वर्गवासी हुए। उस समय जसराजजी के पुत्र चंदनमलजी तथा कुंदनमलजी ओसतवाल बालक थे । अतः फर्म की देख रेख सेठ पनालालजजी डोसी करते रहे । सेठ पालालजी डोसी का स्वर्गवास संवत् १९३४ में हुआ । इनके पुत्र हीरालालजी तथा ताराचंदजी हुए। संवत् १९७५ में ताराचंदजी स्वर्गवासी हुए। इनके पुत्र नारायणदासजी का जन्म १९५४ मैं हुआ। १९६० में इन्होंने कुन्दनमल नारायणदास के नाम से दुकान तथा कुकाना और पाथरड़ी में जीनिंग फेक्टरी खोली । सेठ चंदनमलजी ओसवाल का जन्म सं० १९४२ में हुआ । आप बड़े मिलनसार तथा प्रतिष्ठित आसपास की ओसवाल समाज में आपका घराना नामी माना जाता है। आपके यहाँ पेमराज पन्नालाल के नाम से जींनिग फेक्टरी है तथा आदत व रुई का व्यापार होता है । सज्जन हैं । सेठ धोडीराम हेमराज श्रोसतंवाल, उमराणा नाशिक इस परिवार का मूल निवासस्थान बढलू ( मारवाद ) है । वहाँ सेठ जोधाजी निवास करते थे। इनके ज्ञानीरामजी, राजारामजी तथा तिलोकचंदजी नामक तीन पुत्र हुए। इन भाइयों में से सेठ राजारामजी तथा तिलोकचन्दजी उमराणा के पास पीपल गाँव में भये । वहाँ से आकर इन्होंने उमराणा में दुकान की । १०३
SR No.032675
Book TitleOswal Jati Ka Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOswal History Publishing House
PublisherOswal History Publishing House
Publication Year1934
Total Pages1408
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size47 MB
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