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कोठारी चौपड़ा
इन्दौर राज्य की ओर से आपकी धर्मपत्नी को ५०) मांसिक का भोजीवन के लिये अलाउन्स भी कर दिया था, भो इस समय आपकी पुत्र वधु को मिल रहा है। आपने इन्दौर नरेश बावंतराव होल्कर के विवाहोप्रसव पर अत्यन्त सुचारु रूप से व्यवस्था की, जिससे प्रसन्न होकर होल्कर नरेश ने आपको ७०००) बक्षिस में प्रदान किये थे । आपके संतोषचन्दजी नामक एक पुत्र हुए। आप भी कई स्थानों पर अमीन रह चुके थे। आपका स्वर्गवास हो गया है ।
कोठारी हीराचन्दजी के भाई दीपचन्दजी भी कई स्थानों पर अमीन रहे । इस समय आप बड़वाह (नेमाद) में अमीन हैं। आपके एक पुत्र है । इसी प्रकार कोठारी वेदी बन्दी भी सरकारी सर्विस करते हैं। आपके भी एक पुत्र हैं ।.
सेठ रामचन्द्र फूलचन्द कोठारी, भोपाल
इस कोठारी परिवार का मूल निवासस्थान बीकानेर है । वहाँ से १०० साल पूर्व कोठारी करमचन्दजी भार गये और वहाँ उन्होंने व्यापार की अच्छी उन्नति कर धार, बदनावर, भाथ, नागदा आदि स्थानों में १५ दुकानें खोलीं । धार से कोठारी करमचन्दजी के पुत्र रामचन्द्रजी भानपुरा (इन्दौर स्टेट) गये। इनके कमकमलजी, हेमचन्दजी (उर्फ सावंतरामजी), नेमीचन्दजी व किशनचंदजी नामक ४ पुत्र हुए। इनमें से कोडारी नेमीचन्दजी सम्वत् १९३४-३५ में भानपुरा से भोपाल आने तथा कोठारी सावंतमलजी और उनके भ्राया वहीं रहते रहे । कोठारी सावंतरामजी का विस्तृत परिचय हम ऊपर दे चुके हैं। कोठारी कनक्रमरुजी के पुत्र कानमब्जी और पौत्र जवानमळजी व पानमलजी हुए। इनमें से जवानमलजी भोपाल में नेमीचन्दजी के पुत्र मंत्री के नाम पर दसक भावे तथा पानमलजी जोधपुर में अजमेर वाले सोनियों की दुकान पर काम करते हैं।
कोठारी नेमीचन्दजी का शरीरान्त संवत् १९४६ में हुआ। आपके पुत्र मूलचन्दजी का जन्म संवत् १९१६ में हुआ । इस समय आप वोकानेर में ही निवास करते हैं । कोठारी जवानमलजी का जन्म सं० १९५७ में हुआ । आपका कुटुम्ब यहां की ओसवाल समाज में प्रतिष्ठित समझा जाता है । आपके यहाँ रामचन्द्र फूलचंद के नाम से सराफी का व्यापार होता है ।
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