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________________ [ ६७ ] अध्याय प्रधान विषय पृष्ठाङ्क द्रोण का विधान, दर्शश्राद्ध तर्पण रूप से तिल ही मुख्य हैं । सभी कर्मों में जल की प्रधानता (१०७६-१११३)। ॥ आङ्गिरसस्मृति के पूर्वाङ्गिरसम् की विषय-सूची समाप्त ।। ३०६६ आङ्गिरस (२) उत्तराङ्गिरसम् १ धर्मपर्षत्प्रायश्चित्तानां वर्णनम् विधिः ( १-१०)। २ परिषद उपस्थानलक्षणम् २०६७ . परिषद् के उपस्थान का लक्षण और उसके सामने निर्णय पूछने की विधि ( १-१०)। ३ प्रायश्चित्तविधानम् ३०६८ सत्य की महिमा व किये गये कुकृत्यों के लिये सत्य बोलकर प्रायश्चित्त पूछने का विधान (१-११)। ४ परिषल्लक्षणवर्णनम् प्रायश्चित्त का लक्षण (१-२)। परिषत् का लक्षण और उसके मेद (१ १०)।
SR No.032671
Book TitleSmruti Sandarbh Part 05
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages768
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size38 MB
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