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( ३३ ) ( १५५-१६०)। श्राद्ध के नियम और उनके विरुद्ध चलने पर चान्द्रायण व्रत का विधान ( १६१-१६६.)।
श्राद्धका भोजन, अन्न और ब्राह्मण का विस्तार से बर्णन (१६७–२०७)। पैर धोने से पिण्ड विसर्जन तक श्राद्ध का विषय माना जाता है (२०८-२१०)। श्राद्ध में निषिद्ध पदार्थों का उल्लेख (२११-२१२)। वानप्रस्थ यतियों के श्राद्ध के नियम (२१३-२१७)। सन्ध्या के नियम (२१८२२३)। श्राद्ध में भोजन बनाने के अधिकारी (२२४-२४३)। श्राद्ध के अन्न का निर्णय (२४४२६६)। जिनका एकोद्दिष्ट श्राद्ध ही होता है उनका वर्णन (२६७-२८५)। श्राद्ध में किन-किन अंगों का निषेध और विधान है (२८६-३१७)। वर्ष-वर्ष में श्राद्ध करने का महत्त्व (३१८-३२७) श्राद्ध करने के स्थान का वर्णन (३२८–३३७ )। श्राद्ध करने के नियम, सामान्य व्यवहार, यज्ञ, दान, जप, तप, स्वाध्याय, पितृतर्पण की विशेष विधियां (३३७-३६६)। स्मृतिसन्दर्भ के चतुर्थ भाग की विषय सूची
समाप्त ॥ शुभम्भूयात् ॥