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________________ अध्याय ( २६ ) प्रधान विषय पृष्ठांक प्राणायाम और प्रत्याहार करने की विधि का वर्णन । १-५६)। ६ ध्यानविधिवर्णनम् २३०७ भगवान के ध्यान लगाने का नियम और कुण्डलिनी का ज्ञान (१-३१)। ज्ञानप्रधानं न तु कर्महीनं कर्मप्रधानं न तु बुद्धिहीनम् । तस्माद्वयोरेव भवेतसिद्धिर्ना कपक्षो विहगःप्रयाति ॥२६॥ गवां सर्पिः शरीरस्थं न करोत्यंगपोषणम् । निःसृतं कर्मचरितं पुनस्तस्यैव भेषजम् ॥३०॥ एवं सति शरीरस्थः सर्वित् परमेश्वरः । विना चोपासनादेव न करोति हितं नृषु ॥३१॥ गायत्री मन्त्र की व्याख्या, (३२-६१ ) अध्यात्मनिर्णय वर्णन (६२–१३४)। अन्नमहत्त्ववर्णन ( १३५-१५१ ) अध्यात्मवर्णन ( १५२-१९८)। १० सूर्योपस्थानवर्णनम् २३२६ सूर्योपस्थान की विधि (१-२०)। ११ योगधर्मवर्णनम् २३२८ आत्मयोग का वर्णन और उसका महत्व (१५६)
SR No.032670
Book TitleSmruti Sandarbh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages720
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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