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-- ( २१ ) . अध्याय प्रधान विषय
पृष्ठांक ५ श्राद्धकालेपत्ल्यारजस्वलायांनिर्णयः... २११६
श्राद्धकाल में श्राद्ध करनेवाले की स्त्री रजस्वला हो जाय तो उसका निर्णय तथा जिसकी सन्तान हो उसके विभाग का दिग्दर्शन (१-२६)। "
अरुणस्मृतिः १ प्रतिग्रहवर्णनम्
२११६ प्रतिग्रह के विषय में अरुण का प्रश्न (१-२) आदित्य का उत्तर"जपोहोमस्तथा दानं स्वाध्यायादिकृतं शुभम् । दातुर्नप्रथते विप्र अतो न स्वर्गमाप्नुयात् ॥"
ब्राह्मण को अनुचित दान लेने के प्रायश्चित्त करने का वर्णन। प्रतिग्रहेण विप्राणां ब्राह्मतेजः प्रशाम्यति । प्रतिग्रह प्रायश्चित्त वर्णन (३–१४८)।
पुलस्त्यस्मृतिः १ वर्णाश्रमधर्मवर्णनम्
पुलस्त्य ऋषि ने कुरुक्षेत्र में जो वर्णाश्रमधर्म बतलाया उसका वर्णन । यथा
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