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________________ अध्याय पृष्टांक ( १६ ) प्रधान विषय आदि २ (२१-२७)। युधिष्ठिर का प्रश्नभीष्मपितामह ने धर्माधर्म की व्याख्या विस्तार से की उनमें से कृपया सार मुझे बतलाइये। धर्म सार में अन्नदान का महत्त्व-“अन्नदः प्राणदो लोके प्राणदः सर्वदो भवेत् । तस्मादन्नं प्रयत्नेन दातव्यं भूतिमिच्छता ॥” इत्यादि-(२६-५३)। १३ भोजनविधिवर्णनम् २०२८ भोजन की विधि पर प्रश्न-(१) भोजनविधि का वर्णन (२-२०)। "नैकवासास्तु भुञ्जीयान्नैवान्तर्धाय वै द्विजः । नभिन्नपात्रे भुञ्जीत पर्णपृष्ठे तथैव च ॥" अन्नं पूर्व नमस्कुर्यात्प्रहृष्येनान्तरात्मना। नान्यदालोकयेदन्नान्नजुगुप्सेत वा पुनः-(५-६) गाय को घास देने व तिल देने का माहात्म्य १४ आपद्धर्मवर्णनम् २०३२ युधिष्ठिर का आपद्धर्म के लिये प्रश्न-(१) आपद्धर्म का काल व निर्णय (२-४)। युधिष्ठिर का प्रश्न-प्रशंसनीय ब्राह्मण कौन हैं (१०) प्रशंसनीय ब्राह्मणों के लक्षण ( ११-३४)। युधिष्ठिर का धर्मसारके लिये प्रश्न (३५) धमका सार (३६-६५)
SR No.032670
Book TitleSmruti Sandarbh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages720
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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