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( १५ ) अध्याय प्रधान विषय
पृष्टांक दान और अभोज्य के लिये भगवान से प्रश्न (१०) अन्न की प्रशंसा, अन्न, विद्यादान की महिमा, झूठ बोलने से यज्ञ क्षीण होता है, विस्मय से तप, निन्दास्तुति से आयु, ढिंढोरा पीटने से दान क्षीण
होता है (११-३६)। १२ धर्म शौच विधिवर्णनम्
२०२३ युधिष्ठिर का प्रश्न-"धर्म का वर्णन बहुत प्रकार से हुआ है सो अब धर्म का लक्षण समझाइये।" (१) भगवान का उत्तर-धर्म का लक्षण"अहिंमा सत्यमस्तेयमानशंस्यं दमः शमः । आर्जवं चैव राजेन्द्र निश्चितं धर्मलक्षणम् ।"
(२१६)। युधिष्ठिर का प्रश्न–साधु ब्राह्मण कौन होते हैं जिन्हें दान देने से फल होता है (२०)।
भगवान् का उत्तर-अक्रोधो, सत्यवादी, धर्मपरायण, अमानी, सहिष्णु, जितेन्द्रिय, सर्वभूत हितेरत-इनको देने का महान् फल होता हैअक्रोधनाः सत्यपराः धर्मनित्याः दमेरताः । तादृशः: साधवोलोके तेभ्योदत्तं महाफलम् ॥