________________
अध्याय
( ८ )
प्रधान विषय
१ (ख) भगवत्स्वरूवर्णनम् २ धर्मप्रशंसावर्णनम्
१६२५
१६२६
वैशम्पायन का प्रश्न ( १ ) भगवान् ने धर्म का मार्ग
बतलाया ( २ – १० ) ।
युधिष्ठिर का प्रश्न कि ब्राह्मण, क्षत्रिय वैश्यादि किस गति से यमलोक जाते हैं ? ( ११ - १३ ) । ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य किन-किन कर्मों से स्वर्ग जाते हैं उसका वर्णन ( १५ - २३ ) ।
युधिष्टिर का प्रश्न - शुभ कर्म और अशुभ कर्मों की वृद्धि और नाश किस प्रकार होता है ? ( ३३ ) भगवान् का शुभ कर्म और अशुभ कर्म के वृद्धि नाश का सविवरण प्रतिपादन ( ३४-४० ) । ३ दानप्रकरणवर्णनम्
पृष्टांक
१६३१
युधिष्ठिर के प्रश्न - उत्तम, मध्यम और अधम दान क्या है ? किस दान से उत्तम, मध्यम और अधम की वृद्धि होती है (१-८)।
भगवान् ने उत्तम, मध्यम और अधम प्रकार से दान देने का सविस्तार वर्णन किया । ( १० - ८८ ) ज्ञानी को दान देने की बहुत प्रशस्ति गाई है -