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अध्याय प्रधान विषय
पृष्टांक ऋतुकाल में भार्यों के साथ सहगमन की विधि । १६ प्रतिषिद्धसेवनेप्रायश्चित्तमीमांसावर्णनम् १६०४
निषिद्ध वस्तुओं के व्यवहार करने में प्रायश्चित्त
का वर्णन। २० विविधपापानांकर्मविपाकवर्णनम् १६०६
पृथक्-पृथक् पापों के कर्मफल का विपाक । २१ सर्वपातकेषुशान्तिवर्णनम्
१९०७ सब प्रकार के पातकों में शान्ति कर्म की आव
श्यकता। २२ निषिद्धकर्मणांजन्मान्तरेविपाकवर्णनम् १६०८
निषिद्ध काम करनेवाले का जन्मान्तर में कर्म का
विपाक दुःख भोग आदि का वर्णन है। २३ प्रायश्चित्तवर्णनम्
१६०६ पाप कर्मों का दूसरे जन्म में फल और उनका
प्रायश्चित्त । २४ महापातकप्रायश्चित्तवर्णनम
१६११ महापातकियों के प्रायश्चित्त का विधान । २५ रहस्यप्रायश्चित्तवर्णनम्
१६१२ गुप्त पापों के प्रायश्चित्त।