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प्रधान विषय
अध्याय
११ अनध्यायकाल वर्णनम् ।
पृष्ठाङ्क
१७६८
अनध्याय काल अष्टमी, चतुर्दशी आदि बताई हैं
( २३-४३ ) ।
१२५० १ पूर्वोक्तानेकविधप्रकरणवर्णनम् ।
१७६६
संक्षिप्त से धर्म का निर्णय। यहां तक प्रथम प्रश्न के उत्तर में कहा गया है ( १-२१ ) ।
१८००
१४०२ प्रायश्चित्तप्रकरणवर्णनम् । समुद्रसंयानादिपतनीयकर्मणां निरूपणम् उपपातकवर्णनम्, तिलविक्रेय निषेधवर्णनश्च १८०५
१८०३
( स्मार्तो धर्मः ) इसके निर्णय में प्रथम अध्याय में प्रायश्चित विधान बताया है। भ्रूण हत्या करने वाले को १२ वर्ष तक प्रायश्चित्त, इसी प्रकार ब्रह्महत्या करनेवाले को भी द्वादश वर्ष का प्रायश्चित्त और मातृगामी को तप्त लोह में लेटाना तथा लिङ्गच्छेद प्रायश्चित्त इत्यादि पश्च महापातकियों का पृथक् पृथक् प्रायश्चित्त । ब्रह्मचारी श्री प्रसंग करे उसे अवकीर्णी कहकर उससे गर्दभ यज्ञ करावे इस प्रकार महापातकियों के प्रायश्विच का निरूपण किया गया है (१-६६ ) ।