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. [४. ] अध्याय . प्रधानविषय १४ श्राद्धे ब्राह्मणपरीक्षावर्णनम् । १४३८
श्राधे वयंब्राह्मणाः, पङ्क्तिपावनब्राह्मणनिरूपणम्
१४३६ श्राद्धप्रकरणवर्णनम् ।
१४४१ पितृ कार्य में ब्राह्मण की परीक्षा करके निमन्त्रण करना तथा उनका किन किन मन्त्रों से पूजन
करनी चाहिये इसका वर्णन किया है (१-३३)। १५ जननमरणाशौचवर्णनम् ।
१४४२ जन्म मरण में अशौच कितने दिन का किस वर्ण
को होता है (१-२५)। १६ द्रव्यशुद्धिः, मृन्मयादि पात्रशुद्धिवर्णनम् । १४४४
पात्रों के शुद्ध करने की विधि तथा अपने अंगों को
शुद्ध करने का विधान बताया है (१-२४) । १७ क्षत्रियादिवधे-यवाद्यपहारे-व्रतवर्णनञ्च १४४७
विवत्सादीनांक्षीरपानेशूद्रादीनामन्नभोजने व्रतविधानम् ।
१४४६