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________________ अध्याय [ ७६ ] प्रधानविषय पृष्ठाङ्क ६. रहस्य प्रायश्चित्तवर्णनम्- ११५३ सम्पूर्ण प्रकार के पापों की गणना बतला कर उनका प्रायश्चित्त व्रत, जप, दान आदि बताया है। इसी तरह गुप्त पापों से छुटकारा जिस तरह हो सके उनका प्रायश्चित्त और दार तथा भगवान का मन्त्र जप बताया है ( २४६-३५०)। ६ महापापादि प्रायश्चित्त प्रकरण वर्णनम्- ११६० रजस्वला के स्पर्श से लेकर बड़े-बड़े पापों की . निवृत्ति के लिये वापी, कूप, तड़ाग, वृक्ष लगाने का माहात्म्य और वैकुण्ठनाथ विष्णु भगवान के पूजन का माहात्म्य आया है ( ३५१-४४६)। नानाविधोत्सव विधानवर्णनम्- ११६६ नारायण इष्टी, वासुदेव इष्टी, गारुड़ इष्टी, वैष्णवी इष्टी, वैयुही इष्टी, वैभवी इष्टी, पानी इष्टी, पवमानिका इष्टी का विधान आया है और इनके मन्त्र तथा यज्ञ पुरुष के बनाने का विधान, द्रव्य यज्ञ, तपोयज्ञ, योगयज्ञ, स्वाध्याय, ज्ञान यज्ञ इनका विधान बताया है। यज्ञ की वेदी बनाना उनके मन्त्र आदि का वर्णन किया है ( १-६६ )। कृष्ण
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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