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________________ पृष्ठाङ्क [ ३५ ] अध्याय प्रधानविषय शयन विधि ( १३६-१४०)। स्त्री के साथ संगम, योनि शुद्धि और गर्भाधान विवरण (१४१-१४३) । ब्राह्म मुहूर्त में उठकर सूर्योदय से पूर्व सन्ध्या विधि का वर्णन (१४४-१४५)। प्रातःकाल सन्ध्या करने से मद्यपान तथा धूत का दोष दूर होता है (१४६)। सूर्योदय के पहले सन्ध्या का विधान (१४७)। सीमन्त, अन्नप्राशन, जातकर्म, निष्कमण चूडाकर्म आदि संस्कारों का विधान, लड़कों का मन्त्र से और लड़कियों का बिना मन्त्र से संस्कार करना (१४८-१५१)। ६ ब्रह्मचर्य वर्णनम् । ७६८ उपनयन का समय, विधान और ब्रह्मचारी को भिक्षाधन तथा किससे भिक्षा लेवे उसका सविस्तार वर्णन एवं पिता को स्वपुत्र के उपनयन का विधान (१५२-१८३)। गृहस्थाश्रमे पुत्र वर्णनम् ७७१ पुत्र की परिभाषा, पुत्र पुन्नाम नरक से पिता को बचाता है अतः वह पुत्र कहा गया है। इसलिये पुत्र का संस्कार करना उसका कर्तव्य माना गया ६
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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