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[ ६२ ] आचारन्यवहारयोश्च ( दिनचर्या ) वर्णनम्, वानप्रस्थ धर्म, यतिधर्म, पापानां प्रायश्चित्तं, सुरापान प्रायश्चित्तं, गोवध प्रायश्चित्तं, जीवहत्या प्रयश्चित्तं, अगम्यागमन, दुष्टानां-निष्कृति व०, अस्पृश्य-स्पर्श वर्णनम्, अभक्ष्य-भक्ष्ये प्रायश्चित्त वर्णनम् ।
५५६ वानप्रस्थ धर्म (६८-१०१) यति के धर्म (१०२-१०७ ) महापापों की गणना और पापों का प्रायश्चित्त, उपपाप, संकीर्ण आदि सब पापों का प्रायश्चित्त (१०८-२००)। दान माहात्म्यमुपवासवृतं ब्राह्मणभोजनमहत्वं, पापविमुक्त्यर्थ ( सर्वप्रायश्चित्त) गायत्री मन्त्र जप प्राणायामस्य च वर्णनम् । ५६६ उपवासव्रत ब्राह्मण भोजन कराने की तिथियां (२०३) गायत्री जप, प्राणायामादि से पापमुक्ति बतलाई गई है (२०४-२२७)।
दक्षस्मृति के प्रधान विषय अध्याय प्रधान विषय
पृष्ठाङ्क १ आश्रमवर्णनम् ।
बाल्यकाल में भक्ष्याभक्ष्य का दोष नहीं होता है (१-५)। उपनयन संस्कार नियमाचरण (६-१४)।
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