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अध्याय
पूधानविषय ६७ संन्यासीनां नियमः, तत्त्वानां विमर्शः, विष्णुध्यान वर्णनम् ।
५४० संन्यास के नियम-उसके शब्द रूप रस के विषयों से हटने का नियम, इस शरीर को पृथिवी समझो, चेतना को आत्मा समझे, किस संन्यासी को किस विचार से ध्यान करने का प्रकार, पुरुष शब्द का विषय, ज्ञान, ज्ञेय, गम्य बान का विचार। ६८ जगत्परायण नारायण वर्णनम्, अष्टाङ्ग नम
स्कारादि विधानविधिः, वसुमती नारायणं प्रति प्रार्थयति । भगवान वासुदेव का पृथिवी में चिन्तन करना। ६६ लक्ष्मी वसुधा सम्बाद वर्णनम्, लक्ष्मी निवास स्थान वर्णनञ्च ।
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पृथिवी का प्रार्थना और पूजन, लक्ष्मी का निवास-आंवला के वृक्ष, शंख, पद्म में, पतिव्रता, प्रियवादिनी स्त्रियों में लक्ष्मी का निवास है।