________________
अध्याय
[ ३६ ] प्रधानविषय
पृष्ठाङ्क प्रायश्चित्तवर्णनम्
३७४ रजस्वला स्पर्श, भिन्न-भिन्न पापों का प्रायश्चित्त एवं अशौच वर्णन (२३८-२८०)। स्पर्शास्पर्श एवं उच्छिष्ट भोजन का वर्णन (२८२-२६०)। पतित अन्न भक्षण, चाण्डाल अन्न, कन्या अन्न, राजान्न भक्षण का दोष वर्णन [२६१३०५] । श्राद्ध में भोजन शुद्धि वर्णन [३०६-३१०] । अङ्गुली से दतौन का निषेध [ ३१४] । शौच, मैथुन, स्नान, भोजन में मौन रखना [ ३२१] । दान फल वर्णनम्
३८२ उर्ध्वमुखी गोदान का माहात्म्य (३३१) विद्यादान का माहात्म्य [३३७-३३८]। दानपात्र का वर्णन [३३६-३४१] । श्राद्धफलवर्णनम्
३८४ श्राद्ध में भोजन कराने योग्य ब्राह्मणों का वर्णन [३४२-३५४] पुत्र द्वारा पिता का श्राद्ध करने का माहात्म्य, न करने से पाप [३५५-३६०]। श्राद्ध माहात्म्य एवं श्राद्ध का समय [३६१-३६८]। निन्द्यब्रामण वर्जनवर्णनम्
३८६ ब्राह्मण की संज्ञा देव ब्राह्मण, विप्र ब्राह्मण, शूद्र ब्राह्मण आदि