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अन्याय
[ २१ ] प्रधानविषय
पृष्ठाङ्क ८ राजधर्मदण्डविधान वर्णनम्
जो कन्या नहीं है उसे कन्या कहकर विवाह करनेवाले को दण्ड (२२५-२२६)। पाणिग्रहण संस्कार कन्या का ही होता
है स्त्री का नहीं ( २२७-२२८)। ८ वेतन दण्ड वर्णनम्
१५२ सीमादण्डवर्णनम्
१५५ ग्राम सीमा का निर्णय ( २६५)। वाक्पारुष्य (अपशब्द गाली देने ) का व्यवहार (२६६)। दण्डपारुष्य (मार-पीट)
के अपराध (२७८-३००)। ८ चौरदण्ड वर्णनम्
१५६ स्तेन चोरी (३०१-३४४ )। ८ राजधर्मदण्डविधान वर्णनम्
१६२ परस्त्री गमन की परिभाषा ( संग्रहण ) (३५६ )। . परस्त्री गमन का दण्ड (३८६ )। कर लगाना और तुला,
तराजू , गज, बांटों का निरीक्षण ( ३६८ से समाप्ति तक)। ६ शक्तिस्वरूपा स्त्रीरक्षाधर्म वर्णनम्
१६६ मात जाति शक्ति रूपा है इसे दृष्टिगत रखना पुरुष का प्रधान धर्म और कर्तव्य है । किसी भी रूप में शक्ति का ह्रास अवा