SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 13
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १२ ) ... जिसका वंशवृक्ष कीर्तिपाल संग्रामसिंह उदयसिंह (जालोर पर) मानसिंह (सिरोही गया) प्रतापसिंह विजल महाराव लुभा (आबु का राजा हुआ) इस खुर्शी नामा से स्पष्ट सिद्ध होता है कि विक्रम की चौदहवीं शताब्दी में सिरोही के चौहान आबु के पँवारों से बाबु का राज छीन कर अपना अधिकार जमाया था जिसको यतिजी ने बारहवी शताब्दी लिख मारी है बलीहारी है यतियों के गप्प पुराण की अब सागर रांणा और मालवा का बादशाह का समय का अवलोकन कीजिये यतिजी ने सागर का समय वि० सं० ११७० के आस पास का लिखा है और "चितोड़ पर मालवा का बादशाह चढ़ पाया तब चितोड़ का राणा अपनी मदद के लिये आबु से सागर देवड़ा को बुलाया और सागर ने बादशाह को पराजय कर उससे मालवा छीन लिया।"
SR No.032656
Book TitlePrachin Jain Itihas Sangraha Part 13
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year
Total Pages26
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy