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अब आगे चल कर आबु की यात्रा कीजिये कि आबु पर चौहानों का राज किस समय से हुआ जो यतिजी ने वि० सं० १९७० के आस पास राजा सागर देवड़ा
। हम यहां पहला तो आबु के पँवार जो शिला लेखों के आधार पर स्थिर हुई ओमा ने सिरोही राज का इतिहास में लिखी है बतला देते हैं ।
का राज होना लिखा राजाओं की वंशावलि और पं० गौरीशंकरजी
आबु के पँवार राजा
धक वि० सं० १०७८
११०२
११२३
पूर्णपाल
कान्हादेव,
धूवभट
रामदेव
विक्रम
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यशोधवल
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धारावष
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१२०१
इस आबु नरेशों में किसी स्थान पर देवड़ा सागर की गन्ध तक भी नहीं मिलती है अतएव यतिजी का लिखना एक उड़ती गप्प है कि “वि० सं० १९७० के आस पास आबु पर पँवार भीम का राज था और उसके पुत्र न होने से अपनी पुत्री का पुत्र सागर देवड़ा को आबु का राज दे दिया था । "
बाबु पर चौहानों का राज कब से हुआ पं० गौरीशंकरजी ओझा सिरोही राज के इतिहास में लिखते हैं कि नाडोल का कीर्तिपाल चौहान वि० सं० १२३६. जालौर पर अपना अधिकार जमाया।