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________________ पुस्तकों का सूचीपत्र. पूज्यपाद प्रातःस्मरणीय इतिहासप्रेमी मुनिश्री श्री १००८ श्री श्री ज्ञानसुन्दरजी महाराज साहिब रचित या आपश्री के सदुपदेश से श्री रत्नप्रभाकर ज्ञानपुष्पमाला फलोदी या अन्य संस्थाए द्वारा भाज पर्यन्त निम्नलिखित कूल १२५ पुस्तके की संख्या २८५००० तथा ७२००० इस्तिहार प्रकाशित हुआ जिनके जरिये जैन समाजमें ज्ञानप्रचार या अनेक प्रकार के सुधार हुए। ___पुस्तकों का सूचीपत्र. | १७ तत्वज्ञान विषय की पुस्तके १ शीघ्रबोध भाग १ ला २ , , २ रा ३ , , ३ रा १) २१. سه ه م ६ शीघ्रबोध भाग ___" , १० वाँ १०. , ११ शीघ्रबोध १२ . , १३ , १४. , १५ , १६ , م ، م م ة ف م م و 町計計計計苏苏苏計沂市昂昂 २५ . , , २५ वाँ . ) | २६ छ कर्म ग्रन्थ हिन्दी अनुवाद ।) '११) | २७ नय चक्रसार हिन्दी अनुवाद ) +२८ दशवकालिक मूल सूत्र । | २९ नन्दीसूत्र मूल पाठ +३० सुखविपाक सूत्र मूल पाठ ) ) ३१ समवसरण प्रकरण हिन्दी भेट । ३२ द्रव्यानुयोग प्रथम प्रवेशिका ३) ) ३३ द्रव्यानुयोग द्वितीय प्रवेशिका :) ) ३४ कायापुरपट्टनका पत्र ). | ३५ जड़ चैतन्य संवाद ,, १२ वा . ,१३ , १४ वा. , १५ वा , १६ वाँ リリリ
SR No.032646
Book TitlePrachin Tirth Kapardaji ka Sachitra Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherJain Aetihasik Gyanbhandar
Publication Year1932
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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