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________________ अज्ञात कालिक प्रकरग्र ग्रंथ --- फुटकर कवित्त | नाम - ( १६६३ ) रसनेश । ग्रंथ - फुटकर कवित्त । नाम - ( १६६४ ) रसिकनाथ ब्राह्मण । ग्रंथ - रसिकशिरोमणि । नाम - ( १६६५ ) रसिक प्रवीन । ग्रंथ - फुटकर कवित्त । नाम - ( १६६५ ) रसिकमुकुंद । 9 ग्रंथ - श्रष्टका । [ तृ० त्रै०रि० ] विवरण - गोस्वामी विठ्ठलदास के शिष्य राधावल्लभी वैष्णव थे । नाम - ( १६६५ ) रसिकलाल । ग्रंथ - चौरासी की टीका । [ तृ० त्रै० रि० ] विवरण - राधावल्लभी थे । नाम - ( १६६६ ) राघवजन । ग्रंथ - रामायण । [ द्वि० त्रै०रि० ] विवरण - अयोध्या के महंत । ३३ नाम - ( १६६७ ) किशोरीलाल कायस्थ राजा, घनश्यामपुर जिला जौनपूर | देखो नं० १३७१ ग्रंथ --- जुगुलशतक ( पृ० ४८ पद्य ) । [ द्वि० त्रै०रि० ] विवरण - पिता का नाम अयोध्याप्रसाद था । नाम - ( १६६८ ) राजा मुसाहब, बिजावरवाले | ग्रंथ - ( १ ) विनयपत्रिका पर टीका, ( २ ) रसराज पर टीका । - ( १६६८) राजेंद्रप्रसाद । नाम- ग्रंथ - दानलीला । [ प्र० त्रै०रि० ] नाम - ( १६६६ ) राधिकाप्रसाद कायस्थ, बिजावर |
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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