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__मिश्रबंधु-विनोद नाम-(१६५५ ) युगलप्रसाद चौबे । ग्रंथ-दोहावली। विवरण-निम्न श्रेणी। नामं-(१६५६ ) रघुनाथदास । ग्रंथ-हरदास की परचई (पृ० २०)। [द्वि० त्रै० रि०] विवरण- १८वीं शताब्दी। नाम-(१६५७ ) रघुवर। विवरण-फुटकर कवित्त । नाम-( १६५८ ) रघुवरशरण । इनका ठीक नं० ( २३०२)
ग्रंथ-(१) जानकी जू को मंगलाचरण, (२) बना।
[प्र. ० रि० नाम-(१६५९ ) रघुकुल । विवरण-साधारण श्रेणी। नाम-(१६६० ) रघुश्याम । ग्रंथ-फुटकर कवित्त । नाम-(१६६० ) रणछोड़जी। ग्रंथ-(१)शिवरहस्य, (२)शिवपुराण भाषा, (३) काम
दहन, (४) सदाशिव विवाह, (५) शिवस्तुति । विवरण-जाति के नागर शैवमतानुयायी जूनागढ़ के नवाबों के
दरबार में प्रधानाध्यक्ष थे। इनका समय १६८००
१८६० के अंदर है। नाम-( १६६१ ) रसकटक । ग्रंथ-फुटकर कवित्त । नाम-(१६६२ ) रसटूक ।