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________________ अज्ञात-कालिक प्रकरण नाम-( १६३४) माधवराम । ग्रंथ-माधवराम-कुंडलिया (पृ० १८०)। नाम-( १६३५ ) माधवनारायण, उपनाम केशन मैथिल । विवरण-राजा प्रतापसिंह के यहाँ थे । नाम-( १६३६) मानिकदास माथुर कवि । ग्रंथ-(१) मानिकबोध, (२) कवित्तप्रबंध । [खोज ११०] विवरण-साधारण श्रेणी। नाम-(१६३६ ) मीरन। इनकी कविता छपे हुए बहुत-से संग्रह ग्रंथों में है। इनकी कविता का नमूनाहों मनमोहन सों मिलि कै करती उहाँ केलि धनी तरु छाही; सो सुख "मीरन" कासों कहौं मन मारि मिसूसनि ही मुरमाहीं। पात गए झरि धूम के पुंजन कूह परी सिगरे बन माहीं; ग्राम के लोग महा निरदै जो पलासन कोड बुझावत नाहीं। "मीरन" बिछुरत ही पिया, उलट गयो संसार ; चंदन, चंदा, चाँदिनी, भए जरावनहार । नाम-(१६३६ ) मिश्र । ग्रंथ-शाहनामा । [खोज १९०४ ] विवरण-युधिष्ठिर से शाहमालम पर्यंत राज्य-परंपरा तथा उसका समय निरूपण । नाम-(१६३६) मीठाजी। ग्रंथ-पद्यावली। विवरण-राधावल्लभी। नाम-(१६३७ ) मुकुंदलाल ( जौहरी ) कायस्थ काकोरी, लखनऊ
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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