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________________ १८३ अज्ञात-कालिक प्रकरण १८३ विवरण-कबीरपंथी। नाम-(१५४०) पलटू साहब ( कबीरपंथी)। ग्रंथ-कुंडलिया पलटू साहब (पृ० १०)[ द्वि० ० रि० ] बानी । विवरण-कबीरपंथी हैं। नाम-(१५४१) पाडषान चारण, आड़ा, मारवाड़। ग्रंथ-गोगादेल्पक। विवरण–राठौर गोगादे राजा का यश । नाम-(१५४२) पारसराम । ग्रंथ-नखशिख । नाम-(१५४३) पीथो चारण । ग्रंथ-फुटकल गीत, कवित्त। नाम-(१५४४ ) पीपाजी। ग्रंथ-पीपाजी की बानी । [ द्वि० ० रि०] विवरण-दादूपंथी । ये १४५७वाले पीपाजी से पृथक् जान नाम-(१५४४ ) पुरुषोत्तम । ग्रंथ-उत्सवे, भक्तमाल माहात्म्य । विवरण-राधावल्लभी थे। नाम-(१५४५) पूरन चंद । ग्रंथ–रामरहस्य रामायण। नाम-(१५४६ ) पूरण मिश्र । ग्रंथ-(१) रागनिरूपण [ खोज १६०४ ], (२) नादोदधि (नादार्णव )। नाम-(१५४६ ) पूरण मिश्र । इन्होंने 'राजनिरूपण' नामक ग्रंथ बनाया है।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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