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________________ १८२ • मिश्रबंधु-विनोद ग्रंथ-बारहमासी [प्र. त्रै० रि० ] विवरण-बुंदेलखंडी बोली। नाम-(१५३३) पदुमदास । इनका बनाया हुअा "काव्य-मंजरी" नाम का एक छोटा-सा ग्रंथ है। नाम-(१५३३ ) पधान । "शालिहोत्र" ग्रंथ बनाया नाम-( १५३४ ) पनजी चारण, मारवाड़ । ग्रंथ-फुटकर गीत, कवित्त । नाम-(१५३४) परबत धर्मार्द्ध। ग्रंथ-समाधितंत्र। [च. त्रै० रि०] नाम-(१५३५ ) परमल्ल, शंकर के पुत्र । ग्रंथ-श्रीपालचरित्र । नाम-(१५३६ ) परमानंद भट्ट । ग्रंथ-~-सूदनचरित्र नाम-(१५३७) परशुराम महाराजा । इनका ठीक नं. (३०६ ) है। ग्रंथ-(१) हरियशभजन, (२) बालनचरित्र, (३) महा राजा परसरामजी की बानी, (४) नखशिख (१) खोज १६०२ (२) खोज १६०३ नाम-(१५३.८ ) परागीलाल कायस्थ । ग्रंथ-भवानीस्तोत्र। नाम-( १५३९ ) परिपूर्णदास। ग्रंथ-तिरजा ( साखी हिंडोला आदि का गद्यानुवाद है ) [द्वि० त्रै रि०]
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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