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________________ वर्तमान प्रकरण परतीय गामिन में नामी निज नाह जान, उर लिपटाय रही रजनी नवेली है। . नाम-(२४९५ ) गुप्तरानी बाई ( दासी) कायस्थ । ग्रंथ-भजनावली। जन्मकाल-१९१७ । नाम-( २४९६ ) बेनीमाधो दुबे, हुसैनगंज, फतेहपूर । ग्रंथ-सांकेतिकमाला। [द्वि० ० रि०] नाम-(२४९७ ) रामदयाल कायस्थ, छिबरामऊ। ग्रंथ-(१) प्रेमप्रकाश, (२) राधिकाबारहमासी। नाम-(२४९८) संत कविराज, रीवाँ । 'थ-लक्ष्मीश्वरचंद्रिका । रचनाकाल-१६४२ । [ खोज १६०० ] नाम-(२४६८ ( कुंजविहारी, वृंदावनवासी। ग्रंथ-भजनपत्रिका । [प्र. त्रै० रि०] रचनाकाल-१९४३ के पूर्व । __ समय सं० १९४३ नाम-( २४९९ ) कन्हैयालाल गोस्वामी, बूंदी। विवरण-श्रापकी अवस्था इस समय लगभग ६० साल की होगी। आप कुछ काव्य भी करते हैं। नाम-(२५०० ) प्रकाशानंद संन्यासी, देहरादून । ग्रंथ-श्रीरामजी का दर्शन । जन्मकाल-१९१८ । नाम-(२५०१ ) वृंदावन कायस्थ, मैहर। ग्रंथ-सीयस्वयंवर । जन्मकाल-१९१८ ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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