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________________ । वर्तमान प्रकरण १२८१ कलिकालकौतुक, (२६) उपाध्यायी-उपद्रव, (३०) चितचुरावनी, (३१) स्वारथी संसार, (३२) नए बाबु, (३३) पुरानी लकीर के फकीर, (३४) शतमूर्ख प्रकाशिका, (३५) भूमिहारभूषण, (३६) कलियुगोपकार-ब्रह्म हत्या जन्मकाल-१९२०। कविताकाल-१९४५। (२३९२) लाजपतराय ( लाला) इनका जन्म संवत् १९२२ में, ज़िला लुधियाना के जगरन नाम नगर में, एक अग्रवाल वैश्य-घराने में, हुआ था । आपने वकालत में अच्छी ख्याति पाई और आर्य-समाज एवं देशहित-साधन के कार्यों के कारण आपको बहुतेरे भारतवासी ऋषिवत् पूज्य समझते हैं । लाला साहब ने दयानंद-कॉलेज को अच्छी सहायता दी और अकाल-पीड़ितों के लिये श्लाघय श्रम किया। एक बार राजद्रोह के संदेह में आप प्रायः छः मास तक बर्मा में कैद कर दिए गए थे। हिंदी-गद्य-लेखन की ओर भी आपका ध्यान रहता है । आपने अच्छे-अच्छे लेख लिखे हैं । आपने भारतवर्ष का इतिहास-नामक एक इतिहास-ग्रंथ लिखा है। आपकी आयु का अधिक समय देश-हित के कामों में लगता है। आजकल देश-नेताओं में आपका नंबर बहुत अच्छा माना जाता है। इस समय के अन्य कविगण समय सं० १९३६ नाम-( २३६२ ) आदिलराम । संगीतादित्य ग्रंथ भाषा में . बनाया। रचनाकाल-संवत् १६३६ । नाम-(२३९३) दयानिधि ब्राह्मण, पटना ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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