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________________ १२६४ मिश्रबंधु-विनोद ग्रंथ—(1) साहित्यसिंधु, (२) नखशिख । जन्मकाल-१९१७ । कविताकाल-१६४२ । मृत्युकाल-संवत् १९८३ । विवरण-आप सुकवि थे। कीधौं कंज मंजु ये बनाए हैं बिरंचि जुग, ___ लोचन भँवर हित मुदित मुरारी के; कीधौं पारिजात के हैं लोहित नवल पात, दुति दरसात यों प्रबाल लाल भारी के । कवि द्विजराम कीधौं पिय अनुराग लसै , देखि मन फँसै अति आनँद अपारी के; जावक जपा गुलाब आब के हरनहार, सोहत चरन वृषभानु की दुलारी के ॥१॥ ( २३६८ ) शिवनंदनसहाय आप आरा ज़िला अख्तियारपूर ग्राम के कानूनगो-वंशी एक कायस्थ महाशय के यहाँ संवत् १९१७ में उत्पन्न हुए। अँगरेजी में एंट्रेंस पास करके आपने दीवानी में नौकरी कर ली थी। श्राप फारसी भी अच्छी तरह जानते हैं। आप गद्य तथा पद्य के प्रसिद्ध और अच्छे लेखक हैं। नाटक-रचना भी आपने की है। आपका रचित हरिश्चंद्रजीवन-चरित्र हमने देखा है । यह बड़ा ही प्रशंसनीय ग्रंथ है । भाषा में शायद इससे अच्छे जीवन-चरित्र कम होंगे। आपकी भाषा और समालोचना बहुत अच्छी होती है एवं कविता भी आपने अच्छी की है। आपके रचित ग्रंथ ये हैं (१) बंगाल का इतिहास, (२) विचित्र संग्रह स्वरचित पद्य, (३) कविताकुसुम (पद्य), (४) सुदामा नाटक (गद्य-पद्य), (१) कृष्ण-सुदामा (पद्य), (६) भारतेंदु बाबू हरिश्चंद्र की
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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