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________________ श्रज्ञात-कालिक प्रकरण ग्रंथ - युगुलशतक विवरण - पिता का नाम अयोध्याप्रसाद था । नाम - ( १३७२ ) किशोरीशरण । ग्रंथ - ( १ ) अष्टयामपदप्रबंध, ( २ ) अभिलाषमाला [ द्वि० ० रि० ], (३) विशुद्ध रसदीपिका-नाम्नी भागवत की टीका । विवरण - इनका प्रथम ग्रंथ हमने दरबार छतरपूर में देखा । कविता साधारण श्रेणी की है। कुल ५६ पद इस ग्रंथ में हैं । - नाम - ( १३७३ ) किसनिया चाकर, मारवाड़ । ग्रंथ - किसनिया रा दोहा ( श्लोक संख्या २०० )। विवरण — उपदेश । नाम – ( १३७४ ) कुलपति सिक्ख, आगरा । - ग्रंथ - स्फुट । नाम - ( १३७५) कुलमणि । ग्रंथ-स्फुट | नाम - ( १३७६ ) कुबेर | TEX इनका ठीक नंबर ( २१०६) है। ग्रंथ - महाभारत भाषा । नाम - ( १३७७ ) कुशल सिंह । ग्रंथ–नखशिख ( पृ० २० ) । [ द्वि० त्रै०रि० ] नाम - ( १३७८) कुंज गोपी, जयपुरवासी, गौड़ ब्राह्मण । नाम - ( १३७६ ) कुंजविहारीलाल कायस्थ, दिल्ली । ग्रंथ - ( १ ) चित्तविनोद, ( २ ) ब्रह्मदर्शन, (३) प्रेमसरोवर, ( ४ ) सिद्धांतसरोवर, ( ५ ) ब्रह्मप्रकाश, (६) ब्रह्मानंद, (७) ज्ञानसागर, (८) सर्वसंग्रह, ( 8 ) निर्णय सिद्धांत |
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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