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________________ २६२ मिश्रबंधु-विनोद नाम-( १३६५ ) काशी। ग्रंथ-ज्ञानसहेली। विवरण-चिंतामणि के साथ बनाया। [प्र० त्रै० रि० ] नाम-( १३६५ ) काशी। ग्रंथ–अलंकार-प्राशय, कविरत्नमालिका । नाम-(१३६६) काशीराज-बलवानसिंह । देखो नं० १२४४ नाम-(१३६७ ) क़ासिम। ग्रंथ-(१) रसिकप्रिया की टीका। (२) कुंडलिया [प्र. त्रै रि०] दूसरी त्रैवार्षिक खोज की रिपोर्ट में यह पुस्तक संवत् १६४८ की लिखी होना लिखा है, परंतु यह अशुद्ध है; क्योंकि केशवदास ने संवत् १६४८ से १६५५ तक रसिकप्रिया लिखी थी। विवरण-वाजिद के पुत्र थे। नाम-(१३६७ ) किंकरसिंह। ग्रंथ-छंद-प्रभाकर । नाम-(१३६८ ) किलोल । ग्रंथ–ढोला मारू रा दोहा । [ खोज १६०२ ] नाम-(१३६८ ) किशनसिंह गुणावत । ग्रंथ-गंगाष्टक । [प्र. त्रै रि०] नाम-(१३६९ ) किशोरीजी। ग्रंथ-बानी। विवरण-यह पुस्तक हमने दरबार छतरपूर में देखी। साधारण श्रेणी। नाम-(१३७०) किशोरीदास । देखो नं० (६०५) नाम-(१३७१ ) राजा किशोरीलाल कायस्थ, घनश्यामपूर जिला जौनपुर।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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