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मिश्रबंधु विनोद
ग्रंथ-वैद्यक के ४६, ज्योतिष के १६, व्याकरण के ४, न्याय के
७ ग्रंथ । जन्मकाल-१९११ । विवरण-आप गौड़ ब्राह्मण हैं । आप ग्रंथ-रचना में विशेष रुचि
रखते हैं। नाम-(२३३६ ) रविराम । ग्रंथ-संगीतादित्य। विवरण-जामनगर-निवासी प्रश्नोरा नागर ब्राह्मण थे। नाम-(२३३७ ) श्रोहर्षजी ब्राह्मण, काशी । ग्रंथ-(१) राधाकृष्ण होरो (पृ. १८), (२) राधाजी को ____ ब्याह (पृ० १२)। [द्वि० ० रि०] नाम-(२३३८) सीताराम वैश्य, पैतेपूर, जिला बारहबंकी। ग्रंथ-ज्ञानसारावली। जन्मकाल-१९०७ ।
सैंतीसवाँ अध्याय उत्तर हरिश्चंद्र-काल (१९३६-४५)
(२३३९ ) भीमसेन शर्मा इनका जन्म संवत् १९११ में, एटा जिले में, हुआ था । संस्कृत विद्या में अच्छा अभ्यास करके ये महाशय काशी में आर्यसमाजी हो गए और बहुत दिन तक समाज के अच्छे उपदेशकों में रहे । पीछेसे इनका मत बदल गया और ये फिर सनातनधर्मी होकर ब्राह्मणसर्वस्व-नामक एक पत्र निकालने लगे। ये महाशय एक अच्छे उपदेशक और पूर्ण पंडित हैं । हिंदी और संस्कृत में ये बड़ी सुगमता के साथ उत्तम व्याख्यान देते हैं । ये अपनी धुन के बड़े पक्के हैं। इनका यंत्रालय इटावे में है और वहीं से ब्राह्मणसर्वस्व निकलता है।