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अज्ञात-कालिक प्रकरण विवरण-बारहमासा की रचना खड़ी बोली में अच्छी है।
साधारण श्रेणी के कवि थे। उदाहरण
असाढ़ब साजि के दल मुझको घेरा ; कहौ घनश्याम से जा हाल मेरा । नगारे मेघ के बाजे गगन पर; बिरह की चोट मारी मेरे मन पर । जगे झींगुर नफीरी-सी बजावन ;
पिया बिन कान की चिनगी उड़ावन । नाम-(१३३०) सबल श्याम । विवरण-इन महाशय का बरवै षट्ऋतु हमने देखा है, जिसमें
१२२ छंद हैं । इनका इससे विशेष हाल नहीं मालूम है । इस कवि की भाषा व्रजभाषा है और काव्य-गरिमा
में ये तोष-श्रेणी के हैं। उदाहरण
तपन सपै रितु ग्रीषम तीखन धाम । ताकि तरुनि तन सीतल सोवै काम ॥ १॥ छाँह सघन तरु भावै बालम साथ । की प्रिय परम सरोवर सीतल पाथ ॥२॥
इस अध्याय के शेष कविगण नाम-(१३३१ ) अखयराम । देखो नं० ( १२१०) ग्रंथ-स्फुट कविता। नाम-(१३३२) अग्निभू । ग्रंथ-भक्तिभयहर स्तोत्र [ खोज १६..] नाम-(१३३२) अचरतलाल नागर । ग्रंथ-प्रेम-प्रवाह ।