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________________ परिवर्तन-प्रकरण १९९५ विवरण-आप कालपी में वकील थे। रामलीला के रसिक ही न थे, बरन् रावण बनते भी थे, और अपने को रावण का अवतार कहते थे । उपनाम भी लंकेश रक्खा था। नाम-(२१५७ ) महेशदत्त शुक्ल अवधराम के पुत्र धनौली, जिला बारहबंकी। ग्रंथ-(१) विष्णुपुराण भाषा गद्य-पद्य, (२) अमरकोष टीका, (३ ) देवी भागवत, (४) वाल्मीकीय रामायण, (५) नसिंहपुराण. (६) पद्मपुराण,(.) काव्यसंग्रह, (८) उमापति दिग्विजय, (६) उद्योगपर्व भाषा, (१०) माधवनिदान, (१) कवित्तरामायण टीका । जन्मकाल-१८१७ । कविताकाल-१९२५ । मृत्यु ११६० । नाम-(२१५८) मूलचंद कायस्थ, खैराबाद, जिला सीतापूर । ग्रंथ-(.) धर्म-सागर, (२) भजनावली ७ भाग । जन्मकाल-१६००। कविताकाल-१९२५ । मृत्यु १९५०।। नाम-(२१५९ ) रघुनंदन भट्टाचार्य। ग्रंथ-(.) सनातनधर्मसिद्धांत, (२) धर्मसिद्धांतसंहिता, (३) दिग्विजयाश्वमेध, (४) पाखंडमुंडिनिदर्शन, (५) कृत्यवाद, (६) शब्दार्थनिरूपण, (७) दाननिरूपण, (८) लक्षणावाद, (६) सदूषण, (१०) सदाशिवास्तुति । जन्मकाल-१८१६ । कविताकाल-१६२५ । नाम-(२१६०) रघुनंदनलाल कायस्थ, बनारस ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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