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अज्ञात -कालिक प्रकरण
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१३२३
नाम – ( ३३ ) खूबी । फुटकर रचनाएँ संग्रहों में पाई
जाती हैं ।
नाम - ( १३२३ ) गजानंद । इनके फुटकल छंद गोविंदfreeभाई के पुस्तकालय में हैं 1
नाम- - ( १३२३ ) गिरिधारन । परमानंद के षट्ऋतु हज़ारा में इनके छंद हैं।
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नाम - ( १३२४ ) ब्रजमोहन |
विवरण - इनकी कविता सरस है । इनकी गणना तोष कवि की श्रेणी में की जाती है ।
केसरि को मुख राग धरे जेहि की उपमा न कोऊ समतुल्यो ; जोबन मैं बिकसै बिलसै लखि मीत सुगंध पियै अलि भूल्यो । कोमल अंग मनोहर रंग सुपौन की झोक लगे वन मूल्यो ; नारि नई निरखी ब्रजमोहन नारि नहीं मनौं पंकज फूल्यो ॥१॥ नाम - ( १३२५ ) पंडित, बिगहपूर ।
विवरण - साधारण श्रेणी के कवि थे । इन्होंने ग्रामीण भाषा में अच्छी पहेलियाँ कहीं हैं ।
यथा
गहनु पठ चइत के प्याट ; तेहि पर पंडित करें प्याट । है नेरे पइहौ ना हेरे ; पंडित कहैं बिगहपुर केरे । ( कचौरी )
नाम
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- ( १३२६ ) भवानीप्रसाद पाठक ।
विवरण – ये महाशय मौज्ञा मौरावाँ जिला उन्नाव के वासी थे । इन्होंने काव्यशिरोमणि - नामक काव्य का रीतिग्रंथ
तथा काव्य-कल्पद्रुम बनाया । इसमें कुल ३०० छंद हैं, जिनमें लक्षणा, व्यंजना, ध्वनि, व्यंग्य इत्यादि के वर्णन हैं । इनकी भाषा बैसवाड़ी तथा व्रजभाषा