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________________ परिवर्तक पका कविताकाल-१६०। विवरण-मिरज़ापुर निवासी। पाप तुलसी-कृत रामायण के प्रसिद अनुसंधानकर्ता है। आपके पद रागसागरोद्भव में भी है। नाम-(१६६० ) हरदेवगिरि । ग्रंथ-गोता भाषा । [च० ० रि० । रचनाकाल-१६०१ । नाम-(१९९१) चैनदान चारण । ग्रंथ-बिसू (मरसिया)। कविताकाल-१६०२ के प्रथम ।। नाम-(१९९२) भैरववल्लभ । ग्रंथ-युद्धविलास । [ द्वि० ० रि०] कविताकाल-१६०२ के पूर्व । विवरण-साधारण श्रेणी । ' नाम-(१९९३ ) अयोध्याप्रसाद शुक्ल, गोला गोकरणनाथ, जिला खीरी। कविताकाल-१९०२ । विवरण-ये राजा भूब के यहाँ थे। कविता साधारण श्रेणी की है। नाम-(१९९४ ) कालीचरण वाजपेयी, बिगहपुर, जिला उन्नाव। ग्रंथ-वृदावनप्रकरणी कविताकाल-१६०२ । ( खोज १६०४) नाम -(१६६४ ) नारायणदास । ग्रंथ–नारी-परीक्षा । [प्र. रि० ] रचनाकाल-१६०२। नाम-(१९९५) भवानीदास ।
SR No.032634
Book TitleMishrabandhu Vinod Athva Hindi Sahitya ka Itihas tatha Kavi Kirtan Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGaneshbihari Mishra
PublisherGanga Pustakmala Karyalay
Publication Year1929
Total Pages420
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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